Saturday, February 1, 2020

MBBS दीदी की डॉगी स्टाइल में चुदाई

क्यों खुद के ही प्रयास से MBBS दीदी ने डॉगी स्टाइल में चुदवायी?

हेलो दोस्तों, आज मैं धीरेन्द्र की कहानी पोस्ट किया आपको पढ़कर बहुत मजा आएगा।

मेरा नाम धीरेन्द्र है मैं लखनऊ में रहकर exam की तैयारी करता हूँ, मैं लम्बा गोरा 25 साल से ज्यादा का हूँ मेरा लण्ड छे इंच से थोड़ा ज्यादा है और एकदम गोरा है मेरे लण्ड की दीवानी मेरे गांव की दो तीन लड़कियां हैं मैं जब भी गांव जाता हु बड़े आराम से बुर चोदने को मिल जाता है, एक दिन मेरे पापा का फ़ोन आया की परसो आयशा जाने वाली है उसे लेने स्टेशन चले जाना और वहाँ दो दिन रहेगी देखना कोई दिक्कत न हो उसके पापा तुमको फ़ोन करेंगे, मैं बोला ठीक है पापा।

शाम में अंकल का फोन आया बोले बेटा मेरी लड़की को कुछ काम था लखनऊ में, वो दो दिन वहाँ  रुकना चाहती है, मैंने तेरे पापा से बात किया था तो बेटा थोड़ा देख लेना, मैं बोला ठीक है अंकल जी, ये मेरे गांव के अजय त्रिपाठी थे वहीँ हाई स्कुल में पढ़ाते हैं इनकी लड़की आयशा एमबीबीएस कम्प्लीट कर चुकी थी कभी कभी जब मैं गांव जाता था त्योहारों में, तो ये मिलती थी मैं दीदी बोलता था, आयशा लम्बी चौड़ी ठीक ठाक थी उसकी गोराई भी उजली वाली थी।

 अगले दिन आयशा ने ही कॉल की बोली ग्यारह बजे स्टेशन आ जाने के लिए, मैं बोला ठीक है दीदी, अगले दिन मैं स्टेशन गया लेने फिर उनको रूम पर छोड़ कर मैं कोचिंग चला गया।  मैं खाना बना दिया था मॉर्निंग में ही उनको सब बता दिया था जाते समय, जब मैं वापस आया तो लेटी थी दरवाजा खुलवाया वो नहाकर कपडे बदल ली थी थोड़ी देर बाद वो अपने गांव से खाने की सामग्री लायी थी वही निकल कर दी, फिर हम दोनों साथ में खाने लगे उन्होंने पढाई लिखाई के बारे में पूछ ताछ  की फिर मैं शाम को सब्जी लाने जाने लगा तो वो भी जाने को बोली मैं बोला नहीं दीदी आप यही रुकिए मैं लेकर आता हूँ पर वो नहीं मानी।

मार्केट में जाने के बाद सब्जी का पैसा भी जबरदस्ती उन्होंने ही दिया फिर हमदोनो चाउमीन और गोलगपे भी खाये फिर घर आ गये।  हमदोनो ने मिलकर खाना बनाया और खाया फिर उनको अंदर सोने के लिए बोलकर मैं हॉल में सो गया एक ही कमरा था और सिंगल बेड  था मेरे पास इसलिए मैं उनके साथ नहीं सोया, मैं दोस्त के साथ चैट कर रहा था whatsaap पर तभी एक लिंक आया मैं उसपर क्लिक कर दिया वो जैसे ही ओपेन हुआ आह अहह की आवाज गूंज गयी मैं झट अपना साउंड काम कर लिया और ईयर फ़ोन लाने कमरे में गया तो देखा आयशा व्हाइट कलर की टाइट टीशर्ट पहन कर सोई मोबाइल में कुछ देख रही थी मुझे देख उन्होंने बोला क्या कोई प्रॉब्लम हुआ मैं बोला नहीं दीदी और मैं बहार आकर बीएफ विडिओ देखने लगा  काफी देर बाद मुझे कुछ आहट सी महसूस हुयी मैं कमरे की तरफ देखा पर्दा गिरा हुआ था मुझे शक हुआ कहीं आयशा दीदी ने देख तो नहीं लिया, काफी रात हो जाने पर मुझे लगा वो सो गयी हैं और मैं करवट होकर देख रहा था जिस वजह से मेरा मोबाइल दरवाजे की तरफ से साफ दिख रहा होगा मैं अपना लण्ड भी हाथ से हिला रहा था मैं सोचने लगा अगर देख ली होंगी तो क्या सोचेंगी और मैं मोबाईल रखकर सो गया।

थोड़ी ही देर बाद पीछे किसी का होने का आहाट महसूस कर घुमा तो देखा दीदी बगल में सोई है मैं सोचा अंदर गर्मी लगती है शायद इस वजह से आयी होंगी और मैं सीधा सो गया अचानक मेरी आंख खुली दीदी का हाथ हिल रहा था और वो कभी कभी सी सी कर रही थी मेरा रोम रोम खड़ा हो गया हलकी हल्की रोशनी में आयशा दीदी का एक टांग दिख रहा था वो शायद अपने बुर को साहला रही थी मेरे मन में ये बात आते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

मैं जानबूझकर करवट बदला और उनके चूँची पर हाथ रखकर सो गया मेरा लण्ड उनके जांघ में सट हुआ था अयसा दीदी शांत थी थोड़ी देर बाद मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया जिससे उनका चूँची दब गया हल्का सा फिर वो अपना हाथ कभी ढीला अभी दबा रही थी मैं अपना हाथ धीरे से खींचना चाहा पर उन्होंने दबा लिया मैं धीरे धीरे खुद ही दबाना शुरू कर दिया वो कुछ नहीं बोली फिर अपना हाथ हटा लिया मेरा लण्ड बिलकुल तन गया था जैसे उनके जांघ में छेद कर देगा , अब मैं दोनों चूचियें को दबाये जा रहा था और वो चुप चाप अपना चूची मिसवा रही थी तभी वो उठकर बैठ गयी , मैं कुछ नहीं बोला, वो उठी और बाथरूम चली गयी उसमे से मुझे धीरे धीरे छुररर की आवाज सुनाई देने लगी फिर वो आयी और कमरे में चली गयी, मैं सोचा क्या हुआ क्यों चली गयी अच्छे से तो चुंची  मिसवा रही थी तभी वो आयी और लाइट जला दी मैं उनके तरफ देखा वो मुस्कुरा रही थी , बोली गन्दी विडिओ देखकर मन ख़राब कर लिए हो रोज यही करते हो क्या चलो सेक्स करते हैं,

मैं सोचा ही नहीं था की ऐसे होगा मैंमैं ही मन खुस हो गया और बोलै नहीं आयशा दीदी रोज नहीं देखता हूँ, मेरा एक दोस्त भेज दिया था, फिर देर अब किस बात की थी मैं अपना लण्ड निकाला तो वो बोली ओये होये क्या हैवी चीज पाए हो कितना गोरा है तुम्हारा, मैं मुस्कुरा दिया अरे आयशा दीदी आपके जितना गोरा थोड़ी है फिर मैं बैठा और उनको किस कर लिया वो बोली wawo क्या बात है और मैं लगातार किस करने लगा फिर उनका मुँह निचे करते हुए अपने लण्ड के सामने ला दिया मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आता है और मेरा  गोरा लण्ड लड़कियां बहुत मजे से चुस्ती हैं,


फिर आयशा ने मेरा लण्ड चाटने लगी और खूब बड़ाई कर रही थी की तुम्हरा लंड कितना मस्त है यार वो जितनी भी ऐसे बोली रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लण्ड  लोहे जैसा सख्त होता जा रहा था फिर वो बोली अब करना स्टार्ट करो और वो डॉगी स्टाइल में पीछे की तरफ घूम गयी, उनका गोरा चूतड़ के बिच में गांड और बड़ा सा बुर का दरार दिखने लगा। 

मैं अपने हिलते हुए लण्ड को उनके बुर के छेद पर भिंडा दिया और बिना देर किये झटका मारा मेरा लण्ड आयशा दीदी के बुर भीतर आधा घुस गया वो वो कराह सी दी और बोली अरे रे मनीष जरा धीरे यार इतने जल्दी में क्यों हो पूरी रात हैं भाई आराम से करो वोह दर्द करा दिया मैं बोला अच्छा ठीक है फिर मैं वापस निकाला और दोबारा पेल दिया लण्ड फिर आधा अंदर जा चूका था वो उँह करते अपना चूतड़ सहलाने लगी फिर मैं धीरे दिए अपना गति बड़ा दिया।

अब मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं कसके उनके बुर में अपना लण्ड धकेल दिया वो कराह दी पर इस बार कुछ नहीं बोली मैं झटके मार मार उनका बुर छोड़ने लगा वो उँह उँह कर रही थी और अपना चूतड़ कभी राइट कभी लेफ्ट किये जा रही थी,


मैं जब धका मारता वो उँह करके अपना चूतड़ हिला लेती और लेफ्ट तो कभी राइट घुमाते मस्त चुदाई का आनंद ले रही थी उनका बुर इतना टाइट था की मेरा लण्ड फँस फँस कर अंदर बाहर आ जा रहा था मैं लगातार चोदे जा रहा था। 

अचानक उनके बुर से पुइं पुइं तो कभी पम पम की आवाज आने लगी मैं जैसे ही अपना लण्ड पीछे खींचकर उनके बुर के अंदर पूरा ठेलता वैसे ही पम या पुइं की सिटी बज जाती थी मैं पहली बार इतना तेज तेज ऐसे आवाज सुन रहा था (ये आवाज सुन मकान मालकिन भी जुगाड़ लगायी ) मैं खूब चोदा मन लगा के और वो भी अपना गांड कभी इधर कभी उधर कर ुन्ह ुन्ह करे चुदवा रही थी, मेरा पूरा शशिर पसीने से भीग था फिर वो आगे बढ़ गयी और मेरा लण्ड निकल गया मैं सोहा की दोबारा लगाऊं पर आयशा दीदी ने सीधी होकर लेट गयी। 


अब मेरे सामने उनका टाइट बुर जो मेरे लण्ड में दर्द करा दिया मेरे सामने पड़ा था मैं उसको चोद चोद कर हलवा बनाना चाहता था और उनका पैर फैलाया और सीधा उनके बुर में घुसा दिया वो हाफ रही थी और इधर उधर देख रही थी सिसकारी भरते हुए बोली मनीष पानी नहीं रखे थे मैं रुक गया और इधर उधर देखा कहीं पानी नहीं दिखा फिर मैं लण्ड न चाहते हुए भी निकाला और तुरंत पानी लाकर दिया वो गट गट पूरी ग्लास की पानी पि गयी फिर हाफ्ते हुए लेट गयी और मैं उनके ऊपर चढ़ गया फिर उनको किस किया और लण्ड उनके बुर पर ऊपर निचे लगड़ने लगा वो धीरे से मुस्कुरई अपना चूतड़ उचका कर मेरा लण्ड का मुँह अपने बुर में घुसा ली मैं आव देखा न ताव हचाक से उनके बुर में धका  मारा, मेरा पूरा लण्ड घपाक से उनके बुर घुस कर दब  गया, वो मम्मी आह मम्मी ुन्ह जरा धिरे यार जान लोगे क्या  बोली और मेरा मुँह देखने लगी, गजब टाइट बुर था उनकी आँखों में गजब की नशा दिख रही थी , फिर वो हलकी शांत सी हुयी और मैं हल्का तेज और घापा घप चुदाई करने लगा जी भर के चोदा दो दिन निहाल करके गयी दो दिन उनकी बुर की बहुत यद् आती है इस बार होली में गांव जरूर जायेंगे। 

क्यों छोटी मामी भी चुदावा ली ?

हेलो दोस्तों ये कहानी मैं मनीष का भेजा हुआ पोस्ट किया है जो अपने मामा जी के यहाँ अक्सर जाते रहता था अपनी बड़ी वाली मामी की बहु यानि भाभी को चोदने उसी बिच छोटी भाभी भी चुदवाना शुरू कर दी थी वो भी शौक से।

मेरा नाम मनीष है मैंने बीकॉम कम्प्लीट कर लिया है अब मैं अपने गांव में रहता हूँ , जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था तब मामा जी के यहाँ ही रहकर पढ़ता था मेरे बड़े मामा प्रोफ़ेसर हैं उनकी बटे की शादी के बाद मैं भाभी को पटा लिया था और वहीँ पर बुर का जुगाड़ हो गया था भैया चेन्नई में जॉब करते थे इसलिए भाभी अकेली रहा करती थीं और मैं इसका फायदा उठा लिया। 

एक दिन किचेन में भाभी को किस करते देख ली मामी उसी दिन दे नजर रख रही थी मैं दशहरा घूमने गया था वहां अष्टमी के दिन सबलोग गए घूमने और मैं और भाभी नहीं गए रात के साढ़े आठ बज रहे होंगे मैं भाभी का माल मारने जा ही रहा था की दरवाजा बजने की आवाज आयी मैं जाकर देखा तो छोटी मामी बोली मैं आ गयी वो लोग घूम रहे हैं मेरा सर दर्द करने लगा था कहते हुए मेरे लण्ड पर देखती अपने कमरे में चली गयी मैं तौलिया लपेट रखा था और मेरा लण्ड हल्का तना हुआ था, मैं कुछ धयान नहीं दिया और चुप चाप भाभी के कमरे में घुस गया और खेल स्टार्ट कर दिया , कमरे का लाइट जल रही थी और ढाबे में जो खिड़की थी थोड़ी सी खुली रह गयी थी जिसमे से छोटी मामी सब देख रही थीं। 

सुबह जब मैं चाय पि रहा था तब मामी बोली जरा दरवाजा खिड़की भी तो बंद कर लिया कीजिये और वैसे तो गधे भी नहीं करते होंगे और मुस्कुराती हुयी चली गयी।  मेरा कलेजा धक् धक् करने लगा और नास्ता करने के बाद अपने गांव आ गया। 

कुछ दिन बाद दिवाली का सामान लाने शहर गया तो सोचा की चलो मामाजी के यहाँ भी घूम लेता हैं , घर पहुंचा तो दरवाजा बंद था मैंने आवाज लगाया थोड़ी देर में दरवाजा खुला और मैं जैसे ही नादर आया निचे देखा पानी से गिला जमीन दो ऊपर नजर उठाया तो देखा की एक लम्बी हलकी मोटी और गोरी औरत भीगी हुयी जा रही है बाथरूम की ओर तभी मुझे मामी वाली उस दिन की बात याद आयी मैं तो भूल ही गया था ये बात नहीं तो आता ही नहीं , मैं सीधा ऊपर वाले कमरे में गया देखा घर सुन सं पड़ा था किसी की होने की आवाज नहीं आ रही थी तभी छोटी मामी की आवाज आयी मनीष बबुआ जरा कपडा दीजियेगा मेरा बाहर ही है शायद घर पे कोई नहीं था और मामी कपडा बाहर ही रखकर नाहा रही होंगी। 

मैं मामी के बारे में कुछ कुछ सोंचे लगा छोटे मामा मिलिट्री में थे वो कभी कभी यहाँ आते थे मामी को अभी तक एक भी बच्चे नहीं हुए थे शादी को सात साल लगभग हो चुके थे मामी पहले से भी थोड़ा बहुत मजाक करते रहती थी , मैं कपड़ा लेकर गया और दरवाजा बजाना चाहा वो खुल गया दरवाजा बंद ही नहीं था मैं हल्का खोलकर बोलै ये लीजिये मामीजी, वो हँसते हुए बोली अंदर आकर रख दीजिये मेरे हाथ में साबुन लगा है मैं समझ गया की मामी के मन कुछ चल तो नहीं रहा है,

मैं अंदर गया और कपडे टांग कर आते समय जानबूझकर उनके तरफ नजर घुमाकर देख लिया वो सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी पुरे शरीर पर साबुन लगा राखी थी और उनका हाथ दोनों चूँचियों पर पड़ा था मैं वापस आने लगा तो बोली आप यही बैठ जाइये बात करते रहते हैं अकेले आप बोर हो जाइएगा , मैं बाहर पड़े चेयर पर बैठ गया बात करते करते मामी ने दरवाजा खोल दिया जो मैं आते ही लगा दिया था और बोली आवाज साफ नहीं आ रही है और वो नहाने लगी मैं कभी कभी उनके तरफ देख ले रहा था, वो बोली शर्मा क्यों रहे हैं अभी तो पार्टी शुरू हुयी हैं आप भाभी को ढूंढ रहे होंगे पर आज उनके बदले मेरे से पाला पड़ने वाला है देखती हु आपकी गधे जैसे हथियार की ताकत और वो मुस्कुराने लगी मेरा लण्ड अब खड़ा हो चूका था मैं बार बार उनके भरे हुए मस्त शरीर को निहार रहा था वो एकदम गदरायी हुयी थी उनकी ठुकाई भी बहुत ज्यादा नहीं हो पायी थी वो साल में एक महीना ही मुश्किल से ठुक पति होंगी ,

वो देर तक नहाने के बाद बिना कपडे पहने बाहर आयी और तौलिया से अपना पूरा बॉडी पोंछने लगी ये सब करते देख मेरा मन चोदने के लिए तड़प उठा था पर मैं कुछ नहीं बोल रहा था अभी मामी ने मुझे कपडे उतारने को बोली मुझे अब कुछ नहीं सूझ रहा था मैं कपडे उतर दिया वो बोली लेट जाइये मैं उनका हर कहना ऐसे किये जा रहा था जैसे उन्होंने मुझपर कोई जादू कर दिया हो वो मेरे पास आ आयी और मेरा लण्ड पकड़ ली फिर ऊपर निचे करते हुए बोली सच में मनीष जी आपका लण्ड हैवी है आप तो चोद चोद कर निहाल कर देते होंगे कितना बार कर चुके होंगे अबतक ? मैं कुछ नहीं बोला वो मुस्कुराती हुयी अपने मुँह से मेरा लण्ड चाटने लगी , मैं तो हैरान था ये अब के लिए भाभी को मनना पड़ता था और मामीजी तो अपने आप ही सब कार करि हैं,

मेरा लण्ड मुँह में लेलकर खूब चूसी गांव की आइसक्रीम जैसा फिर वो खुद ही ऊपर आकर मेरा लण्ड अपने बुर में घुसा ली और ऊपर निचे अपना चूतड़ हिलहिलाकर चुदवाने लगी मैं उनके बड़े बुर में अपना लण्ड अंदर बहार आते जाते देख रहा था मुझे बहुत मजा आने लगा था बुर तो बड़ी थी पर नई मल जैसी टाइट और साफ सुथरी चिकनी चकनी थी मैं देख देख कर सोच रहा था की यार मामी मुझे अपने बुर पर किस करने को बोल देती तो मैं तर जाता। 

इनका जांघ भी मोटा मोटा गोल गोल चिकना चिकना था शायद वो कुछ दिन पहले ही अपना बल साफ की थी क्युकी अभी हलकी हलकी झांट निकली थी ऐसे में उनका बुर का नजारा पागल कर देने वाला था लण्ड अंदर बाहर जाए कूच कूच कच कच का मधुर आवाज भी मदहोस कर रहा था मैं सोच रहा था की ऐसे ही मामी चुदवाती रहें खूब देर से और मैं मजा लूँ देख देख कर उन बुर में अपना लण्ड आए जाते। 

मामी अब हल्की हलकी सिस्कारि लेने लगी शायद उनको अब मजा आने लगा था मैं अब धीरे धीरे निचे ऊपर की और धका मारना स्टार्ट कर दिया मामी सी सी कर च च सी च सी आह आह अहह सी सी करने लगी, कुछ देर ऐसे चुदवाई और फिर उस तरफ घूमकर गयी अब उनका पीछे का सारा भाग दिख रहा था, उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल चूतड़ और उसके बिच में टाइट बुर में फंसा मेरा लण्ड अंदर बाहर करते और उनके गाँड़ का छेद देखते मुझे बहुत मजा आ रहा था, 

मैं खुद उनके ऊपर चढ़कर घचाघच चोदना चाह रहा था पर मैं उनसे कह नहीं प् रहा था वो ऐसे ही चुदवाने  में मस्त थी तभी मैं निचे से कसकर धका मारा वो उचककर घुटनो पर खड़ी हो गयी मैं भी उठाकर पीछे से उनका चूँची दबाने लगा कुछ देर मामी ने ऐसे दी चूचियां दबवायी और धीरे धीरे आगे की तरफ झुकती गयी धीरे धीरे वो घोड़ी बन गयी मैं उनके पीठ पर चढ़े हुए से था और चूचियाँ दबाये जा रहा था मेरा लण्ड मामी के गाँड़ पर रगड़ खा रहा था और फिर मैं सीधा हुआ और उनके बुर के छेद पर लंड लगाकर हच से मार दिया मेरा लण्ड गप से उनके बुर के भीतर चला गया मामी आगे उचकते हुए आह कर दी मैं उनका कन्धा निचे की तरफ दबाया वो और अब बिलकुल ऊपर खुली हुयी बुर और गांड़ दोनों नजर आ रहा था मैं कन्फ्यूज हो गया किसमे  घुसाए मेरा मन मामी का गाँड़ का भी मजा लेने को कर रहा था तभी मामी बोली क्या हुआ घुसाईये पर धीरे से घुसाईयेगा,

मैं मामी के बुर को ऊँगली से सहलाया मे मन पगला सा मतवाला हाथी जैसा होने लगा और उनके बुर में घुसा के घचाघच चोदने लगा मामी ओह ह आह धीरे धीरे ना आहे आह किये जा रही थी पर मैं अब नहीं रुक रहा था उनको जोर जोर से पेले जा रहा था  मैं जब उनके दोनों चूतड़ पकड़ कर धका मरता था वो आह कर देती थी मैं बोला यही है न गधों वाली चुदाई। .......







Friday, January 31, 2020

दस कलास की लड़की की चुदाई।

मानसी उस दिन मिनी को चोदते देख ली थी दरवाजा बंद नहीं था वो परदे के पीछे से सब देख ली थी उसी दिन से मेरा मोटा लण्ड लेने के लिए तक में थी। 
                                     

मानसी टेंथ कलस में पढ़ती थी वो एकदम मस्त पतली लम्बी और गोरी थी उसका फेस सोनम कपूर जैसा था लेकिन मुझे ये नहीं पता था की वो इतनी चुदकड़ लड़की है निकलेगी। 

जब से मिनी को चोदते देखि थी तब से वो मुझे लाइन मरती थी, वो बगल वाली बिल्डिंग में अपने भैया भाभी के साथ रहती थी, एक दिन वो फ़ोन नंबर मांगी मैं उसे इसरा करके दे दिया उसने बात चित करना शुरू कर दी मुझे दर लगता था की ये मिनी से कहे न पर वो नहीं कही और सब खुल के बात करती थी हमलोग देर रत तक फ़ोन पर बात करते रहते थे सब कुछ फोन पर ही हो जाता था यानि वो फोन पे ही चुदवाती थी मैं, सब कुछ ओपनली बात करती थी.

एक दिन उसकी भाभी की ननद की इंगेजमेंट थी तो उस दिन मानसी के भैया भाभी वही गए थे अचानक मैं बात करते करते बोला की काश अगर रियाल में तुम अभी मिल जाती तो तेरी बुर मर कर फाड़ देता, वो बोली ओह माय गॉड आपका लण्ड किनता बड़ा है मैं डर गयी थी की मिनी का क्या होगा पर वो चुड़ैल पूरा झेल गयी, और हाहाहा हंसने लगी मैं बोला अच्छा ठीक हैं चलो अब घोड़ी बनो घुसाता हूँ वो बोली ठीक हैं यदि रियल में घुसना है तो आईये मेरे यहाँ कोई नहीं है मैं सच ो फिर सब बताई , मेरा मूड पहले से गरम था तुरंत चल दिया उसके बिल्डिंग में लिफ्ट लगा हुआ था वो छठी फ्लोर पर रहती थी मैं वहां पंहुचा तो खड़ी थी अपने फ्लैट के सामने , फिर हमदनो अंदर आ गए उसका फ़्लैट मस्त था वो जाकर सोफे पर बैठ गयी और मैं खड़ा देखने लगा, वो दरवाजा बंद करके फिर बैठते हुए बोली चलिए दिखाइए तो कितना बड़ा है, मैं भी देर नहीं करना चाहता था तुरंत हाथ डालकर निकला तो देखकर हंसने लगी क्युकी मेरा लण्ड मुरझा गया था,

मैं बोला चलो कपड़े उतारो मुझे लगा वो आनाकानी करेगी पर जैसे ही मैं बोला तुरंत ही कपडा उतर दी, मानसी बहुत फ्रैंक लड़की थी वो थोड़ी सी भी शर्माती नहीं थी,

                                     

मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया और उसका चूची दबाने लगा उसका चूँची छटा छोटा पर एकदम मस्त था मैं खूब दबाया और मुँह में लेकर चूसा भी फिर मैं उसके जांघों को सहलाते सहलाते उसके बुर में ऊँगली लगा दी वो कुछ नहीं बोली बस चुप चाप देख रही थी मैंने उसके उसके बुर पर किस किया और फिर उसके बुल को देखने लगा , मानसी बुर का बाल क्लीन रखी थी उसकी बुर गोल और बड़ी थी मेरा तो मन हुआ की एकदम से पेल हु दूँ पर मैं पर मैं उसको अपना लण्ड चुसवाना चाहता था क्युकी फ़ोन पर अकसर चूसा करती थी,

मैं उसका स्मार्टनेस देखकर उसके मुँह में ही पेलने का मन बना लिया, मेरे इशारा करते ही मानसी झट बैठ गई और मेरा लण्ड पकड़ कर मुँह में घुसाने लगी वो ऐसे चाट चाट कर चूस रही थी मनो उसको बहुत एक्सप्रिएंस हो लण्ड चूसने का, मैं उसके मुँह में तब एक पेलता रहा जब तक की मेरा लण्ड एकदम बम्बमा गया मनो दिवार में भी छेद कर देगा अब मैं बिलम्ब नहीं करना चाहता था,




मैं बोला चलो अब घोड़ी बनो यही कहकर बुलाई हो उसका कहा श्योर अभी बनती हु बार थोड़ा आराम से कीजियेगा और वो डॉगी स्टाइल में बन गयी मैं तो देखते ही रह गया वो पतली थी पर उसका चूतड़ बड़ी लड़कीओं जैसा बड़ा था और एकदम साफ गोरा रंग चिकना चिकना मैं झट से उसके बुर में लंड घुसना चाहा पर नहीं घुसा दोबारा धका मरते ही थोड़ा सा अंदर चला गया और वो धीरे से आह कर दी। 

मैं धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था वो मजे में चुदाने लगी मेरा लंड अब आधा तक चला जा रहा था मैं उससे बात चित भी कर रहा था मुसको बला की तुम मिनी के साथ चुदवा लोगी बोली की अगर मिनी तैयार हो जाये तो मुझे कोई टेन्शन नहीं हैं तभी मैं जोरदार धका मार दिया वो आँख बंद करके चिलायी आअह ओहोहोह मैं बोलै अब इसीसे ज्यादा दर्द नहीं होगा क्युकी पूरा घुस गया हैं वो तुरंत नार्मल हो गई मैं अपना लम्बा लंड पूरा पीछे खींच खींच कर उसके बुर में पेलने लगा वो सिसकारी भरने लगी और मैं चोदते जा रहा था बेतहासा फिर मैं जब थक गया तो बोला की अब तुम ऊपर आओ। 

मैं अब सीधा लेता हुआ था और वो मेरे ऊपर आकर खुद ही ऊपर निचे करके चुदवा रही थी उसका बुर बहुत टाइट था मेरा लण्ड दर्द करने लगा था पर मैं चुपचाप उसके बुर की चुदाई का आनंद लिये जा रहा था। 







कुछ देर कूद कूद कर लण्ड अपने बुर के अंदर लिए जा रही थी फिर मैं उसको उस तरफ घूमकर कर करने को बोला वो पलट गयी और हिलाने लगी मैं निचे से मारा ऊपर की तरफ हाचाक मानसी ऊपर की तरफ उच्छल कर चीख दी फिर वैसे ही मरवाने लगी मैं निचे से मार रहा था और वो ऊपर से मानसी इतनी चुदकड़ लड़की निकलेगी मैं सोचा भी नहीं था वो कभी सी सी करती थी तो कभी चुप हो जाती थी एक उसने आगे झुकी तो उसका मस्त गाँड़ का बिल दिखाई दिया मैं बोला मानसी थोड़ा गाँड़ भी दे दो मुझे बहुत मन कर रहा है गांड पेलने का। 

वो थोड़ी रुककर गयी फिर कुछ सोचकर बोली दर्द तो नहीं होगा ना ? मैं बोला नहीं यार मैं हूँ न, बोली ठीक हैं फिर आप मेरा गाँड़ थोड़ा मार लीजिये फिर मुझे लिटा कर चोदना मैं बोलै ठीक है , मैं उसके ऊपर आ गया और उसके गांड में लण्ड घुसाने लगा। 

मैं ज्यों उसके गाँड़ के छेद पर फिट करके ठेलता वो उँह उँह करने लगती और मैं रुक जाता था ऐसे ही देर हो गया फिर मैं थोड़ा बातों में भुलवाकर जोरदार धका मार दिया उसके गांड में आधा लण्ड जा फसा वो आह उँह उँह करने लगी और मेरा लण्ड निकाल दी, फिर बोली आप निचे आओ मैं ऊपर से आराम से कर लुंगी मैं बोलै ठीक है। और मानसी मेरे ऊपर आ गयी धीरे धिरे लण्ड  तो घुसा ली हल्का सा पर हिला नहीं प् रही थी अभी अचानक मैं निचे से ही ढाका मार दिया लण्ड दनदनाता हुआ उसके गाँड़ में सरक गया आधा से ज्यादा ही वो जोर से रो दी आह करके मैं उसको पकड़ लिया और फिर मारा निचे से वो चिलायी निकालो निकालो ओह उँह आह ही हींईईईई उनुउउउउ मैं पेलने लगा बिना कुछ सुने और उससे न सहा गया और वो खड़ी हो गयी और मेरे लण्ड तरफ देखने लगी मैं उठा और उसको लिटा दिया फिर उसके गाँड़ और बुर दोनों उस दिन मन भर चोदा। 

मानसी का बुर टाइट था और वो मस्ती से चुदवाती भी थी इसलिए मैं उसके बुर का दीवाना हो गया और जब भी मौका मिलता उसको जरूर चोदता इसी क्रम में उसकी भाभी भी जान गयी फिर ननद भाभी की चुदाई की कहानी आपको बताऊंगा। ....... 








Tuesday, January 28, 2020

बड़ी भाभी की चुदाई की कहानी सोफे पर


बिच वाली भाभी को चोदते देख बड़ी भाभी ने कैसे जबरदस्त प्लान बनायीं ताकि मेरे मोटे लंड से उनके एक बिता की बुर चुद सके?

दोस्तों जैसे की आपने पढ़ ही चूका होगा की मैं कैसे अपने बिच वाली भाभी को चोदता था, एक दिन उनके गाँड़ में बिना थूक लगाए ही मैं जोर से मार दिया था और वो चीला दी थी आह मम्मी यही आवाज बड़ी भाभी सुन ली थी और छत के सीढ़ी पे आकर देख चुकी थी।

बड़ी भाभी का नाम अंजलि है वो करीब पैंतीस साल की मस्त बॉडी फिगर वाली टंच गोरी माल हैं, वो लम्बी और मोटी हैं उनकी चूतड़ की साइज भी बहुत बड़ी हैं बिच वाली भाभी से दुगुना साइज होगी।

मैं अक्सर भरी दोपहरी धुप में उनके ही कमरे में सोया करता था भैया काम से इधर उधर ही रहा करते थे उनका एक बच्चा था था पांच साल का वो भी कभी कभी बिच वाली भाभी  उनके कमरे म था, एक दिन मैं उनके कमरे में गया सोने के लिए क्युकी उनकी कमरे का कूलर आवाज नहीं करता था मैं बड़े आराम से सोता था, उस जैसे ही मैं अंदर गया देखा भाभी नाइटी पहन कर सोयी थी, वो करवट सोई थी और उनके चूतड़ तक नाइटी ऊपर चला गया था उनका, मैं सन्न रह गया, इनका तो गाँड़ बड़े बड़े चूतड़ों के बिच में कूलर का हवा खा रहा हैं इससे पहले मैं कभी बड़ी भाभी को छोड़ने का नहीं सोचा था पर उस दिन मेरा मन कुछ कुछ हुआ की मैं इनके बड़े चूतड़ वाली गाँड़ का भी स्वाद लूँ।

मैं थोड़ी देर उनका गोरा गोरा चूतड़ और जांघ का पिछले हिस्सा निहारता रहा फिर बगल में जाकर लेट गया, पांच मिनट बिता होगा भाभी ने सीधा होते हुए अपना एक टांग मेरे ऊपर फेक दी, मैं अपना सर धिरे से उठाकर देखा उनका दोनों जांघ साफ दिखा बिच वाली भाभी से इनका जांघ थोड़ा मोटा था हल्का हल्का इनके बुर के बाल भी दिख रहे थे पर ये क्या? मैं जैसे ही उनके चहरे के तरफ नजर घुमाया वो आधी आंख बंद किये मुस्कुरा रही थीं, मैं झट से उनका पैर अपने ऊपर से हटा दिया और लेट गया।

भाभी मेरे तरफ घूमते हुए बोली क्यों रेखा जैसी मस्त नहीं हूँ? मेरी तो फट गयी मैं सोचा ये कैसे जानती हैं, फिर मैं भाभी बोलकर चुप हो गया, मैं जैसे ही कुछ बोलता या वहां से उठाकर जाता वो बोल पड़ी मैं सब जानती हूँ ,  बोल प् रहा था, वो मेरा हाफ पैंट हटाकर मेरा लंड देखि और हँसने लगी वोह इसलिए रेखा आह  आह करती है आपका तो लंड आपके भइया से भी बड़ा है और मोटा तो उनसे दुगुना ही होगा मैं चुप चाप शरमाते सुन रहा था डर भी लग रहा था की पता नहीं क्या होने वाला हैं तभी वो बोली की रुकिए  इसको बड़ा करके देखती हु जरा और हाथ से धीरे धीरे मसलने लगी।

मेरा लण्ड कुछ देर में तन कर फुफकारने लगा उस दिन लगा की रोज ही ज्यादा बड़ा हो गया था और टाइट भी, भाभी मुस्कुरा रही थीं और बोल रही थी सच में मुझे तो पा भी नहीं था की इतना बड़ा लंड आपका है और आप चोदने में भी माहिर हैं ये तो आपने भइया डेढ़ गुना बड़ा लण्ड है, आप घबराये मत मैं भी आपकी भाभी हु एक बार मुझे भी अपने मोटे लण्ड का मजा खिलाईये यदि आप मेरे से चीख निकलवा देंगे तो मैं आपको बहुत बड़ी इनाम दूंगी जो अपने कभी सोचा भी नहीं होगा और जब चाहेंगे तब मैं अपने सामान का मजा भी देती रहूंगी , मैं कुछ नहीं बोल रहा पर मन ही मन सोच रहा था की कास इनको भी चोदने को मिलता तो बड़ा मजा आता।

भाभी बोली भइया बोल दूँ क्या ये सब और हँसने लगी भाभी थोड़ा गुसैल थी मैं सोचा कहीं ऐसा हो न जाये मेरे मुँह से निकल गया गया ठीक है करवा लीजिये, वो बोली ओके ओके मैं मजाक कर रही थी मैं किसी  से नहीं बोलूंगी  डियर हाहाहाहा करके हंसने लगी और सीधी लेट अपना पूरा नाइटी ऊपर कर इसारा करी अपने चूँची पर, उनका चूँची अभी मस्त था और निपल बड़े बड़े गुलबी काले टाइप के थे, मैं उनका चूँची दबाने लगा वो अपना हाथ ऊपर कक्रके मेरा सर पकड़ लिया और निचे करते हुए अपने चूचियों पर सटा दिया मैं उनका चुची पिने लगा बिच वाली भाभी से बड़ा होने कारन मुझे ज्यादा मजा आ रहा था मैं खुद दबा दबा कर उनका दोनों चुची चूसा वो मेरा टीशर्ट निकलने लगी तो मैं खुद ही सबकुछ निकल दिया |

फिर भाभी ने खुद ही उठकर सोफे पर चली गई और मुझे वही आने का इशारा करके मुस्कुरा दी, मैं वह से उठा और पलंग से निचे उतरा मेरी नजर जैसे ही सोफे पर पड़ी मैं दंग रह गया, भाभी सोफे पर डॉगी स्टाइल में घोड़ी बनी पड़ी थी उनका दोनों चूतड़ के बिच में उनका बुर एकदम साफ दिख रहा था, मैं उनका मस्त गाँड़ और बुर देखकर पागल हो गया और अपना लंड हाथ से सहलाते हुए उनके बुर के छेद पर लेजाकर फिट कर दिया, मैं जैसे ही धके लकाना शुरू करता उससे पहले भाभी ही पीछे की तरफ अपना चूतड़ धकेली मेरा लण्ड आधा घुस गया वो धीरे धीरे हिलाने लगी उनका चूतड़ कभी आगे कभी पीछे होने लगा मैं चुप चाप अपना बॉडी टाइट किये एक पैर सोफे पर और एक पैर निचे ही रखे देख रहा था, कुछ ऐसे ही चुदवाने के बाद भाभी बोली अब आप धका मार मार चोदिये। 

मैं उनका दोनों चूतड़ पकड़ कर चोदने लगा लगातार आगे पीछे लण्ड उनके बुर में अंदर बहार हो रहा था वो मस्ती में चुद्वाए जा रही थी मेरे साथ साथ भाभी भी अपना चूतड़ आगे पीछे कर रही थी मुझे बहुत मजा आने लगा था रेखा भाभी ऐसे करके नहीं चुदवाती थीं तभी मेरे मन में आया शर्माने से काम नहीं चलेगा मैं भी कुलके चोदू और अंजली भाभी का मजा लूँ,

मैं उनको कसकर पकड़ लिया और खूब जोर लगाके धका मार दिया भाभी आह करके आगे सोफे पर गिर गई मेरा लण्ड निकल गया वो सी सी करके साँस लेने लगी, फिर उसी पोजीसन में आ गयी मैं दोबारा तेज झटके से उनके बुर में लण्ड घूसेड़ दिया वो फिर आगे बढ़ गयी पर इस बार लण्ड बाहर नहीं निकला और मैं तुरंत ही जोरदार धका मारा उनके मुँह से आह निकल गया और वो बैठ गयी थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड के तरफ देखि और सर पकड़ ली, मेरा लण्ड एकदम बमबमाये हुए मस्त खड़ा था, वो बोली ये पहले से भी बड़ा हो गया और लण्ड को पकड़ ली काश इतना तगड़ा लण्ड गोलू के पापा का भी होता हे भगवान कितना मोटा हो गया है अब मैं भी हमेशा चुदवाउंगी इसीलिए न रेखा चुदवाती हैं कितना ामजा आता होगा उसको, फिर वो उसी पोजीसन में चुदवायी और फिर मुझे सोफे पर बैठा दिया और खुद ही ऊपर से आकर अपना बुर में मेला लण्ड घुसकर अपना चूतड़ ऊपर निचे करने लगी मैंने अपने लाइफ में ऐसे नहीं माल मारा था ये मेरे साथ पहली बार हो रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था,

उसके बाद भाभी खुद ही सोफे पर लेट गयी और मुझे ऊपर से चोदने को बोली मैं उनका फैला हुआ पैर के बिच में हलकी सी फैली हुयी बुर देखकर पागल हो गया तुरंत ही उनके बुर के मुँह पर लण्ड लगाके हच से धका मर दिया मेरा लंड घप से उनके बुर में समा गया वो धीरे से कराह दी उह सियाहाआअह धीरे धीरे चोदिये पर मैं अब कुछ नहीं सुन रहा था और घपाघप चोदने लगा सट सट आह उँह हियई सीईई च च च की आवाज होने लगी अब वो कुछ नहीं बोल रही थी और मैं घच घच मार रहा था उनके बुर में थोड़ी देर बाद उनका गिफ्ट वाली बाद याद आया और मैं मुस्कुरा दिया वो मुझे आश्चर्य से देख रही थी वो भी मुस्कुरानी चाही पर आह कर दी मैं रुक गया वो तेज तेज साँस लेने लगी फिर बोली क्यों हंस रहे हैं मैं बोला मैं जित गया आपका चीख निकल दिया है। भाभी बोली हाँ ये तो हैं मैं जरूर आपको मजे दिलवाऊंगी फिर पता नहीं क्या छोचने लगी तभी झट बोली गाँड़ मारने आता है मैं मुस्कुराया और ना बोल दिया, फिर वो बोली तो अब गाँड़ में घुसाइये मैं सुनते ही झट से उसी पोज में उनके गाँड़ के मुँह पर रखकर पूरा लण्ड घुसेड़ दिया भाभी बस आह करके रो दी मैं रुक गया फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैं पेलना शुरू कर दिया अंजलि भाभी का गाँड़ रेखा भाभी
के गाँड़ से होंडा टीला था अब आराम से पूरा लंड उनके गांड में घुसकर उनको मजा दे रहा था और मैं भी पकस पकस उनके गाँड़ में पेल रहा था फिर मैं झड़ गया और भाभी बिना झड़ी ही रह गयी पर बोली कोई बात नहीं मेरा बुर बहुत दुख रही है दूसरे दिन अब।

इसी तरह सात आठ बार खूब चोदा कोई न कोई भाभी का बुर डेली मिल जाता था और एक दिन सच में वो बारी आ गयी इनाम की जो मैं कभी नहीं ऐसा आनंद लिया था ये आगे बताऊंगा। ...


Monday, January 27, 2020

भाभी की चुदाई। सगी भाभी की चुदाई की सच्ची कहानी हिंदी में


आखिर क्यों भाभी चाहकर भी आह उँह नहीं कर रही थी और मैं अपने तगड़े लंड उनके बुर में घुसेड़कर घाचा घच चोदे जा रहा था ?

भाभी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ।  मैं 26 साल का हूँ नाम सोनू और लम्बाई पांच फिट नौ इंच है। हमलोग तीन भाई हैं मैं सबसे छोटा हूँ बिच वाले भैया की हाल ही में शादी हुई है और वो छे सात दिन बाद ही दिल्ली चले गए वो वहीँ जॉब करते हैं मेरी नई वाली भाभी का नाम रेखा हैं और बड़ी वाली भाभी का नाम अंजलि है।  मेरा गांव यूपी में है मैं गांव पे रहता हूँ।

रेखा भाभी लम्बी और मीडियम साइज शरीर वाली गोरी और बड़ी बड़ी आँखों वाली करीब पचीस साल की मस्त माल हैं , वो साडी और शूट दोनों पहनती हैं।  वो जब भी मेरे पास से गुजरती अजीब सा महक हमेशा आते रहता, एक दिन मुझे खाना खिला रही थीं तो मैं बोला भाभी जी आपके बॉडी से कितना अच्छा खुशबु आती है क्या लगाती हैं ? वो हँसते हुए बोली आपके परफ्यूम से अच्छा है क्या सोनू जी ? मैं बोला हाँ भाभी वो फिर एक बार मुस्कुरा दि उनका चेहरा एकदम मस्त चमक रहा था और वो पिंक कलर की लिपस्टिक लगायी थीं मेरे मन में आया काश ऐसी ही मुझे भी बीबी मिल जाती।

एक दिन बड़े भैया भाभी घर पे नहीं थे वो लोग छोटू को लेकर हॉस्पिटल गए थे। दोपहर का टाइम था मैं सोचा चलो भाभी के साथ लूडो खेलते हैं, मैं उनके कमरे में जैसे ही इंटर किया मैं दंग रह गया। .. ये क्या भाभी ऐसी भी करती हैं क्या? मैं सोचा भी नहीं था।

रेखा भाभी उस तरफ मुँह करके आँख बंद की हुयी थी और अपना पेटीकोट ऊपर करके लाल पैंटी के अंदर अपना हाथ डालकर धिरे धिरे हिला रहीं थीं , मैं चुप चाप परदे के पास ही रुक गया था और देख रहा था, उनकी जांघ की गोराई तो मुँह से भी अधिक थी एकदम आंटे की तरह मेरा लंड सुगबुगा गया मैं झट से वापस गया पाँव दवाये।

गर्मी के दिन था मैं छत पर अकेले ही सोता था कभी कभी रेखा भाभी भी छत पर आती थीं और कुछ रात गए निचे चली जाती थीं वो जब तक ऊपर रहती थीं मैं उस दिन से यही सोचने लगा की काश मैं भी ऐसी मस्त भाभी को चोदता , हम दोनों में रोज मजाक होते रहता था पर जिस दिन से उनको अपना बुर चुत सहलाते देखा मेरे मन में हमेशा चोदने का मन बना रहता था.

एक दिन की बात है मैं पेशाब करने के लिए जगा तो देखा की भाभी छत पर ही सो गयी हैं . अँजोरिया वाला रात था उनका गोरा शरीर चाँद के प्रकाश में दिख रहा था उनका पेट पर से साडी हैट गया था ब्लाउज साफ दिख रहा था उनकी चूँची धीरे धीरे साँस के साथ ऊपर निचे कर रही थीं मेरा लंड खड़ा होने लगा , मैं बिना कुछ सोचे ही अनायास उनके पेट पर हाथ रखकर सो गया , मेरा दिल धड़ धड़ करने लगा उनके आधे चेहरे बाल से ढके थे , मैं सोचा भाभी गहरी नींद में हैं थोड़ा सा चूँची दबा लूँ मिस लूँ। मैं धीरे धीरे उनके दोनों चूचिंयों की दबाने लगा उनका चूँची मस्त मस्त था भैया को तो चार पांच दिन ही दबाने को मिला होगा मैं थोड़ा जोर दे दबाकर देखा चूची बिलकुल टाइट थी मैं अपने तरफ वाली चूँची थोड़ा और जोर से मिस दिया भाभी कुछ नहीं बोली मेरा मन बढ़ गया.

मैं थोड़ा निचे खिसक कर उनका साड़ी ऊपर हटाने लगा तभी सामने सीढ़ी के दरवाजे पर नजर पड़ी वो खुली थी, मैं सोचा हो हो यदि बड़ी भाभी या भैया गयी तो देख लेंगे मैं धीरे उठा और बंद करने चल दिया , मैं जैसे ही दरवाजा बंद करने लगा वो लोहे का था और आवाज करने लगा मैं डर गया कभी भाभी जग जाये नहीं तो मजा ख़राब हो जायेगा मुझे वो सब करने में बहुत मजा रहा था , पर क्या करूँ यदि दरवाजा बंद करूँ तो भी दिक्कत और करूँ तो भी दिक्कत मैं तोड़ी देर खड़े होकर चोचता रहा और डिसाइड किया की बड़ी भाभी आएँगी तब लेकिन ये जाग गयी तो प्रॉब्लम हो जायेगा इसलिए बिना दरवाजा बंद किये ही वापस आ गया, भाभी वैसे ही साँस ले रही थीं और उनकी चूचियां ऊपर निचे उठती रहती थीं।

मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउज़ का बटन खोलने लगा फिर याद आया की इसको लगाऊंगा कैसे लगाने में जग जाएँगी तो? चलो ऐसे ही मजा लेते हैं बस दो बटन खुल चूका था और उनका ब्रा दिखने लगा था,


मैं कभी उसमे हाथ लगता कभी ऊपर से ही धीरे धीरे चूचियाँ दबाये जा रहा था, मेरा लंड अब लोहे की रड की रहत तन चूका था अचानक मैं महसूस किया की उनकी साँस तेज होती जा रही हैं और थोड़ी देर में भाभी तेज तेज साँस लेने लगी, मुझे शक हो गया की वो जग गयीं हैं मैं थोड़ी देर रुक गया।  फिर सोचा ये कुछ नहीं बोल रहीं हैं मतलब ये भी यही चाह रहीं हैं, मेरा सहस और बढ़ गया मैं धीरे धीरे उनका साड़ी ऊपर करने लगा पर वो उनके पैरों और चूतड़ से दबी हुई थी मैं थोड़ा जोर लगाया वो साड़ी नहीं सरक पायी मैं रुककर सोचने लगा क्या करूँ और दोबारा प्रयास किया, मुझे लगा इस बार रेखा भाभी ने अपना चूतड़ थोड़ा ऊपर की तरफ कर रही हैं मैं जान गया की ये जाग रहीं हैं मैं एकदम बौखला गया चोदने के लिए अब डर ख़तम हो चूका था।

मैं धीरे धीरे साडी ऊपर किया तो देखा की उसी दिन वाली लाल कलर वाली पैंटी पहनी हुयी हैं, मैं भी उसमे हाथ लगा दिया अचानक मुझे चिकना सा महसूस हुआ मैं मैं जान गया भाभी गर्म हो गयी हैं, इनका बुर पनिया गया है , मैं अपना लंड कछे से निकाला मेरा लंड करीब पौने छे इंच लंबा और ढाई इंच मोटा हैं मैं अब तक तीन लड़की की चुदाई कर चूका हूँ जिसमें से एक का बुर और एक का गांड फट गयी थी एक तो खूब चुदाई थी उसका बुर नहीं फटी थी।

इस बार अपने खुद की भाभी को चोदने का मौका मिला था और वो भी मुश्किल से चौबीस पचीस दिन आये हुए होगा, मैं अब देर नहीं करना चाह रहा था, मैं उनके दोनों जांघों की अपने दोनों पैरों के बिच में करते हुए ऊपर चढ़कर बैठ गया और धीरे से झुककर उनका पैंटी को बगल में सरका कर अपना लण्ड उनके गीली बुर में घुसाने लगा , मेरा लण्ड थोड़ा थोड़ा अंदर जा जाकर रुक जाता था उसका मुँह ही जा पता था थोड़ा सा बस, पूरा सोपाड़ा नहीं जा रहा था, कभी कभी निचे छटककर बिछावन पर टक्कर मर देता था. कुछ देर बाद भाभी का जांघ मेरे दोनों पैरों को दबाता बहसुस किया मैं थोड़ा अपना पैर जैसे ही फैलाया उनका भी जांघ खुदबखुद फैल गया।

मैं उनका पैंटी हटाया और अपना लंड बुर के मुँह में ठूस कर धीरे से धका मार दिया मेरे लंड का सूपडा भाभी के बुर में चला गया भाभी कुछ नहीं बोली वो वैसे ही पड़ी थी मैं थोड़ा लंड पीछे करके दोबारा जोर से धाका मारा, लण्ड आधा चला गया उनका जांघ आपस में सटते हुए महूस किया मुझे लगा इनका बुर चुत दर्द कर रहा है शायद , मैं धीरे धिरे चोदने लगा कुछ देर बाद उनका जांघ अपने आप ढीला होता गया और मेरा लंड धीरे धीरे पूरा का पूरा घुसता गया .

अब मैं लंड अंदर बाहर करते हुए खूब चोद रहा था भाभी वैसे ही पड़ी थी. करीब बिस मिनट बाद मुझे लगा उनका पूरा शरीर अकड़ रहा है और उनका बुर पहले से ज्यादा गिला हो गया और गच गच की आवाज आने लगी मैं थोड़ा धीरे चोदने लगा ताकि आवाज जोर से न हो तभी उनका हाथ हिलते देख मैं झट उनके ऊपर से हट गया, भाभी उस तरफ करवट बदल सो गयी मैं थोड़ा रुका फिर धीरे धीरे उनका चूतड़ उधर दबाने लगा तो आसानी से दब गया, अब उनका दोनों चूतड़ ऊपर की तरफ साफ साफ चाँद की रोशनी में गोरी गोरी दिख रही थी, मै फिर उनके ऊपर चढ़ गया।

मै उनके दोनों चूतड़ के बिच से ही अपना लंड उनके बुर में निचे करके घुसा रहा था पर घुस ही नहीं रहा था मैं सोच रहा था की इस बार घुस जाये तो थोड़ा चोदकर गिरा लूँ , मैं थोड़ा थूक लगाया और छटकाकर के उनके बुर में घुसेड़ दिया वो अपना दोनों चुत्तड़ चिपका लीं, मैं खूब चोद रहा था गच गच , कच कच की आवाज आने लगी पर इस बार मेरा लंड बार बार बाहर छटककर निचे चला जाता था और मैं फिर लगा लगा चोद रहा था , एक बार मेरा लंड उनके गाँड़ में घुसने को हो गया वो थोड़ा हिल गयीं और मेरा लंड चटककर उनके दोनों चूतड़ के बिच ऊपर चला आया पर मुझे बहुत मजा आया कितना टाइट लगा था।

अब मैं सोचा इनका गाँड़ ही क्यों न मार लूँ पता नहीं ऐसा मौका फिर मिले या न मिले, मैं झट बिना देर किये लंड उनके गाँड़ दोनों में थूक लगाया, भाभी थोड़ा हिली शायद वो सीधा होना चाहती थी पर मैं वैसे ही बैठा रहा वो शांत हो गयी, मैं अपना लंड चाँद की रौशनी में उनके गाँड़ में घुसाने लगा।

मैं जब धका मरता वो अपना चूतड़ चिपका लेती फिर भी दबाते दबाते अंदर घुसेड़ ही दिया और धीरे- धीरे  पेलने लगा, मेरा लंड भाभी के गाँड़ में एकदम कसा घुसा ऊपर निचे हो रहा था, कुछ देर उनका गाँड़ मारने के बाद मैं झड़ गया फिर चुप चाप उनके ऊपर से नीचे उतरा और उनका साङी निचे करके ढँक दिया और मैं सो गया, कब नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला और मैं सो गया सुबह नींद खुली तो देखा भाभी निचे जा चुकी हैं , मैं निचे जाने में शर्मा रहा था पर हिम्मत करके गया, कुछ नहीं हुआ रोज की तरह सब ठीक था, ऐसे ही हरदम भाभी सोने का नाटक करती और मैं
 उनको चोदते रहता था, एक दिन मैं बिना थूक लगाए उनके गाँड़ में जोर से लन्ड पेल दिया उनके मुँह से आह मम्मी निकल गया उसी रोज से वो खुलकर चुदवाने लगी, लेकिन बड़ी वाली भाभी उस दिन बाथरूम आईं थीं उनका आवाज सुनकर छत पर आयीं और हमदोनों को उसी अवस्था में देखकर निचे चली गयीं थी जो हम लोगों को कुछ नहीं मालिम था, मेरी बड़ी भाभी लम्बी मोटी बोल्ड पर्स्नालिटी की हैं ये करीब 35 साल की होंगी, ये भी मेरे से कैसे और क्यों चुदवायी अगले दिन बताऊंगा।