Wednesday, April 8, 2020

कैसे पूरी फैमिली को चोदा लॉकडाउन में फंसा भैया के ससुराल में।

ये स्टोरी मनीष भी ने भेजा था दो दिन पहले, वो बताते हैं कि कॉलेज बन्द होने के चलते मैं भैया के ससुराल गया था घूमने वहां अपनी भाभी की तीन सिस्टर और उनके दोअंकल के भी तीन लड़कियां थी एक के दो और एक के एक यानी टोटल 6 सालियाँ थी और तीन सासु माँ और एक दादा और दादी, भैया के ससुर कोलकता गए थे अपने दोनों भाइयों के यहाँ और वो वहीं फँस गए थे लॉकडाउन में, भैया की बीच वाली साली का नाम पूजा था जिससे मुझे ज्यादा पटता था वो भी फर्स्ट ईयर में थी औऱ मैं भी था।
पूजा लंबी और हल्की मोटी, गोरी फूलि फूली गाल मोटी मोटी चोटी बनाकर सामने से हल्की मुस्कुराती थी तो जैसे जान निकल देती थी बड़ी बड़ी चुंची और चूतड़ मन करता काश कभी नंगी देखने को मिल जाता।
पूजा को दी दिन से मैं अपने कमरे में बुलाता था पर वो कह कर नहीं आती थी इस दो दिन इसकी बड़ी बहन को छोड़कर बाकी सबका किस विस कर लिया था और किसी साली को तो चुंची भी दबा दबाकर मजा ले लिया था।
एक दिन मैं बाथरूम जाने के लिए बाहर गया तो देखा बालकनी में कोई टहल रहा है, रात के ग्यारह बजे होंगे लाइट कटी थी साफ दिखाई नहीं दे रहा था पर मुझे अभास ही गया पूजा ही है मैं धीरे से बाथरूम गया और निकला तो देखा इधर से आगे की तरफ जा रही है में झट से आगे बढ़ पकड़ के चुंचियाँ दबाने लगा और किस करने लगा कुछ देर बाद वो पीछे हटते गयी और दीवार से लग गयी मैं उसका हाथ पकड़ रूम में ले जाने लगा पर वो नही जा रही थी और सी सी करके बोल रही थी नही नही छोडिये कोई जान जाएगा, पर मैँ कहा अब सुनने वाला था उसको गोद मे उठाया और कमरे में ले गया।

उसको फटाफट बेड पर लिटा कर कमरा बंद कर दिया वो धिरे से बोली हे भगवान कोई जान जाएगा तब? मैं बोला सब सिस्टर सो गई थी? वो बोली हाँ पर गुड़िया अभी जगी थी मैं बोला अरे वो सो जाएगी आपको बाहर आते देखी थी मै पूछा वो बोली नही, टैब टेन्शन लेने की जरूरत नही मजे लेने की जरूरत है और मैं उसको लिटाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और उसका एक चुंची उसके टीशर्ट के ऊपर गर्दन के तरफ से निकाल कर चूसने लगा मैं टीशर्ट उतारना चाहा तो मेरा हाथ पकड़ ली मैं उसका ढोढ़ी सहलाते सहलाते उसके पैन्टी में हाथ डाल दिया और ढोढ़ी को चूमने लगा मेरा हाथ बुर पे उगे बाल पर टच करते हुए बुर के छेद तक चला गया।

अब क्या था मेरा लंड ऐसा तन गया जैसे कछा फाड़ देगा मैं ढोढ़ी चूमते चूमते उसका टीशर्ट ऊपर सरकाते गया अब मेरे मुँह से उसके दोनों चुंचियाँ टच कर रहे थे मैंने उसका ब्रा खोल दिया और दोनों चुचियों को मिसते हुए बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगा वो अब तेज साँस लेने लगी थी। अब मैं उसका पैंट खोलना शुरू किया वो ढीली ढाली लोअर और उसके नीचे पैंटी पहनी थी उसने जैसे ही अपना चूतड़ उठायी उसका कछा सहित सब नीचे सरक गया अंधेरे में कुछ दिखाई नही दे रहा था पर हाथ घुमाया चारो तरफ तो महसूस किया उसका जांघ बहुत मजबूत था और बुर के ऊपर का भाग और पेट भी भरापूरा था कुल मिलाकर वो टंच माल थी जी भर के चोदने लायक।

मेरा लंड भी एकदम बम्बमाते हुए तन गया था, इतना टाइट लग रहा था जैस पतली छेद वाली बुर में मार दो तो चीरते फाड़ते अंदर घुस जाएगा। अब मैं देर नहीं करना चाहता था मैं बनियान कच्छा और तौलिया लपेटा था जो अपने आप ही खुल गया था उसका अलग हटाया और अपना लंड निकाल के उसके बुर पर धीरे से रगड़ा वो कुछ नही बोली मैं बीए फाइनल ईयर में था मैं डेली दौड़ने जय करता था ब्यायाम भी किया करता था मुझे ये सब में बड़ा मन लगता है, मेरी हाइट भी ठीक ठीक है और लन्ड भी लंबा तगड़ा है। मैं तीन चार गर्लफ्रैंड को चोदते चोदते बुर चोदने में माहिर हो चुका हूं, पूजा को भी एक दो बार फोन पर चोदने का बात कर चुका था बस देर था मिलना और माल मारना जो आज मौका मिल चुका था।

अब सोच ही रहा था कि मुझे लगा बुर नीचे से थोड़ा ऊपर उठा है और लन्ड घुसने को हो आया फिर मैं उसके बुर के मुँह पर अपना लन्ड करते हुए हल्का सा धकेला पर लन्ड टस से मस नही हुआ फिर बुर पे ऊपर नीचे लगड़ते हुए छेद पर फिट किया और धका मार दिया लन्ड उसके बुर में हल्का सरक गया वो हल्की सी चीख दी फिर सांत हो गयी मैं धीरे धीरे धकेलने लगा ऊपर नीचे करते हुए और लन्ड धीरे धीरे अंदर सरकने लगा।

लन्ड करीब आधा घुस गया होगा बुर तो काफी टाइट महसूस हो रहा रहा और मैं जैसे जैसे लन्ड ऊपर नीचे करता वो अब धीरे धीरे सीईई च च च च करने लगी थी कि अचानक जोरदार धक्का मार दिया वो कराह दी आह उन्ह हुन हूँ हूं और अपना चूतड़ पीछे सरका ली पर बुर कभी गिला था और लन्ड घप से धुस चुका था मेरा शरीर उसके ऊपर चिपक गया था।

अब मैं जैसे ही हिलाना चाहता वी सरकने की कोशिश करने लागती ओर उन्ह आन्ह च सी सी करने लगती उसका एक हाथ मेरे कमर पर और दूसरा मेरे छाती को ऊपर धकेले पड़ा था।

मैं चुंची दबाने लगा कुछ देर बाद वो नार्मल हो गयी फिर मैं उसका टीशर्ट सरका कर निकाल दिया इस बार वो निकलने से मना नही की फिर मैं बारी बारी से उसका दोनों चुंचियाँ पीने लगा निपल को खूब चूस चुंची तो मस्त मस्त थी पीते पीते ही लन्ड ऊपर नीचे करना स्टार्ट किया वो कुछ नही बोली कुछ ही देर में मैं बुर रगड़ रगड़ पूरा ऊपर निनीचे कर कमर हिला हिला चोदने लगा पर जब भी हल्का जोर से धकेलता तो सी कर देती थी मुझे बहुत मजा आने लगा की जोर से धक्का मार दिया लन्ड ऊपर से नीचे अंदर तक गच से चला गया वो आह सीईई करते हुए सांय से बोली धीरे धीरे मैं कुछ नही बोला और चुपचाप चोदते रहा, उसका शरीर गज गज कर रहा था कभी कभी चुंचियाँ भी दबाता और चुम चाट लेता कुछ देर में वो अपने आप अपना पैर फैलाते हुए मोड़ ली बुर अब हल्का ढीला से भीगा हुआ कच कुच गच गच की आवाज कर रहा था कि मेरे दिमाग मे दोनो पैर ऊपर उठाकर अपने कंधे पर रख चोदने को हुआ।
मैं उसका एक पैर अपने कंधे पर लिया और चोदने लगा वो फिर सीईई सीईई करने लगी फिर शांत ही गयी मैंने दोनो पैर ऊपर किया और उसका कंधा पकड़ लिया और अपना पूरा लन्ड गुसा दिया।

फिर क्या था वो आह करके पीछे हटने में नाकाम रही और मैं जोर जोर से धक्का मारने लगा वी शायद रोने लगी थी आह उन्ह सीईई सीईई आह च च च च च वोह आह किये जा रही थी मैं लगातार पेले जा रहा था। वो बोली रुकिए रुकिए ना थोड़ा सा और मैं रुक गया और आवाज चेंज लगा पर धयान नही दिया फिर उसने मुझे अलग कर करवट घूम कर सिसकने लगी अंधेरे में हल्की हल्की पीठ और चूतड़ का सेप दिखाई दे रहा था मैं अपना लन्ड हाथ मे लिया और सहलाया भरपुर मुठी में लंबा सा लन्ड ललचाया से तना खड़ा था मेरा हाथ भीग छूने से मैं बगल में रखे उसके कपड़े में पोछा ओर उसके पास गया और पूछा क्या हुआ वो कुछ नहीं बोली मैं उसका माथा सहलाया बाल सँवारrते हुए किश किया और चिपककर लेटते हुए बोला थोड़ा सा और प्लीज।

वो कुछ नहीं बोली पर जिसे ही उसका पीछे का भाग मेरे बॉडी में टच हुआ मैं मचल गया झट से उसका चूतड़ सहलाने लगा कितना टाइट टाइट मस्त मस्त था मेरा सब फ्रेंड पतली पतली सुखी सी है पर इसका शरीर भरपूर जवानी गदराया हुया बॉडी था मैं सोचा काश लाइट आ जाती और मैं उजाले में देख देख चोदने का आनंद लेता।

मैं धीरे से उसको सीधा करना चाहा पर नही हुई फिर कुछ देर बाद करवट पीछे से उसके बुर पर लन्ड रगड़ने लगा इसी दौरान हल्का सा कभी गुसने को हो जाता था अब चुप चाप पड़ी थी मैं धीरे धीरे लन्ड ग्घुसा दिया वो कुछ नही बोली फिर मैं पीछे से करवट ही पेलने लगा फिर धीरे तेज कर दिया पर वो कुछ नही बोली और अच्छे से चुदवा रही थी मैं कभी सजा चूतड़ पकड़ता कभी चुंची ओर पीछे से ही शॉट मारने लगा वो मस्ती में चुप चाप चुदाई का आनंद ले रही थी बुर से गच गच कच कुच की आवाज आ रही थी, वो अपना चूतड़ मेरे तरफ धकेलने लगी मैं ओर दबा दबा कर पेले जा रहा था कि वो ऊना हाथ पीछे करके मुझे ओर चिपका ली मैं चिपकाये ही हिलाते रहा कुछ ही देर में मुझे छोड़ वो आराम से तेज सांस लेने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं उसको उलटने को हाथ से प्रयाश किया वो आराम से उलट हो गयी अब मैं उसके चूतड़ के ऊपर चढ़कर घप घप पेलने लगा वो आह आह करने लगी पर कुछ नही बोली मैं पूरे जी जान से घपघपा रह था कि बीर्य गिरना चालू हो गया मैं रुक गया और लन्ड उसके बुर में झुनझुनी कर बीर्य छोड़ रहा था। अब मैं लन्ड बाहर निकाल रहा था तो वो बोली अरे बाप, इतना मोटा लन्ड होता है? मैं ठिठक गया इसका आवाज पहचान में आ गया ये पूजा नही थी ये उसके चाचा की लड़की सोनी थी पर मैं कुछ नही बोला और बगल में लेट कर आराम करने लगा अभी तो कुछ देर ही बीता होगा कि कोई धीरे से दरवाजा खटखटाया हमदोनो उठकर बैठ गए धड़कन तेज हो गयी तभी मेरे मन मे ख्याल आया पूजा है। मैं धीरे से सोनी से बोला पूजा जी हैं लगता है वो आने को बोली थीं, वो धीरे से हंसी फिर बोली अब क्या करें तभी फिर बजा दरवाजा। सोनी बोली कोई सुन न ले मैं आव देखा न ताव ओर बोला आप अपना कपड़ा लेकर बेड के नीचे चले जाइये मैं कहते हुए दरवाजा खोलने चल दिया सोनी सुनिए सुनिए बोली पर ममुझे कुछ सूझा नही और आगे बढ़ गया और धिरे से पूछा कौन? वो धीरे से बोली अरे खोलिये ना, ये आवाज पूजा की ही थी, मेरा डर भाग गया और मन मे खुसी की लहर दौड़ गयी पिछले बहुत दिन से चोदना चाह रहा था और मैं तो सोचा भी नही था एक साथ दो दो जबरदस्त माल पेलने को मिल जाएगा, मैं झट दरवाजा खोल दिया।

सामने पूजा खड़ी थी, मैं धीरे से बोला अंदर आइये की वही रहेंगी, पूजा बोली नही नही खड़ी रहने के लिए थोड़ी आयी हूँ और अंदर आ गयी, मैं दरवाजा बंद कर दिया और वहीं खड़ी पूजा को बांहों में भर लिया सोनी का तो जैसे ख्याल ही खत्म हो चुका था।

मैं पूछा दो दिन से क्यों नही आ रही थी वो बोली दीदी से डरती थी आज दीदी दादी के कमरे में सोई है, अब किसी से नही डरती मैं गाल सहलाते हुए पूछा। उसने धीरे से मुझे मारते हुए बोली नहीं।

और सोनी जी से? मैं एक चुंची दबाते पूछा।

पूजा ने हँसते हुए जवाब दिया नहीं जी वो तो मेरी अच्छी दोस्त है। वो सब जानती है मेरे आपके बारे में कभी कभी फोन पर बात ही सुनती रहती है एक इयर फोन कान में डालकर। मैं थोड़ी देर चुप हुआ और दूसरी चुंची दबाने लगा अब मैं सबकुछ समझ चुका था ।
मैंने झट बोला तो क्या एक साथ सेक्स का भी मजा ले लेगी दोनो??

पूजा का भी झट जवाब था क्या दिक्कत है पर तुरंत ही बात बदलते हु बोली नही मुझे शर्म आएगी और हँसने लगी।

पूजा नाइटी पहनी थी और मैं अबतक नाइटी ऊपर ऊठाकर उसका ब्रा खोल दिया था अब मेरे दोनो हाथ मे उसकी दोनो चुंचियाँ थी।

पूजा सोनी से ज्यादा स्मार्ट थी वैसे सारी बहने गजब की स्मार्ट स्मार्ट थी पर पूजा की कुछ और ही बात थी इसकी बड़ी बड़ी आंखे और फेस कटिंग ऐसी थी कि कोई भी देखकर पागल हो सकता है इसकी दूधिया गोराई अंधेरे में भी चमक रही थी कड़ा कड़ा चुंची जैसे कोई अभी तक छुआ न हो।

मैं खड़े खड़े ही उसकी दोनो चुंचियों का रस पान करने लगा सोनी के निपल से पूजा का निपल छोटा छोटा था पर चुंची की साइज में कोई कमी नही थी बड़ी बड़ी चुंचियाँ जिसकी बीबी बन जाये वो धन्य हहो जाय। इसका कमर सोनी के कमर से पतली पर चूतड़ उससे भी हैवी था जो मैं कभी कभी शहलाये जा रहा था, उससे थोड़ी ज्यादा लंबी भी थी बाल छोटे छोटे रखी थी बिल्कुल टीवी सीरियल की लड़कियों जैसी देखती थी। मैं चुंचियाँ पीते पिये महसूस किया कि इसका निपल टी अब सोनी के भी निपल से बड़ा लगने लगा।

मैं उसके भारी चूतड़ को दबाते हुए आगे उसके बुर के तरफ हाथ किया तो हैरानी सी हुई बुर के चारो तरफ बाल ही नही था एकदम चिकनी चिकनी चारो तरफ लगा जबकि दो तीन महीने पहले एक
एक फोटो भेजी थी मेरे जिद करने पर तो उसमें बालों के नीचे बड़ी से बुर दिखाई दे रहा था, उस दिन से तो ओर पागल सा हो गया था चोदने के लिए मैं बहुत दिनों तक गोरे गोरे जांघों के बीच मे बाल वाली बुर देखता रहता था। मैं जब बुर पे अंगुली फिराया तो पाया कि बुर काफी गीली हो चुकी है मैं अंगुली घुसना चाहा पर पूजा पीछे हट गई मैं फिर घुसना चाहा पर वो फिर हँसती हुई पीछे हटी और बेड में टच हुई और धड़ाम से गिरते हुए बेड पर बैठ गयी।

मैं खड़ा ही था और उसका चेहरा मेरे पेट मे सटा था वो बेड पर बैठी मुझे पकड़ रखी थी कि अचानक सामने मेरी नजर गयी देख अंधेरे में हल्की हल्की सोनी दिखाई दे रही है जो उस तरफ दीवाल में चिपकी लेटी थी बेड और दीवार के बीच मे जगह ही नही बचा था कि वो बीएड के अंदर उत्तर पाती जब तक इधर से जाती शायद मैं दरवाजा खोल दिया था, मैं बिलकुल नही घबराया और पूजा बैठे बैठे वैसे ही बेड पर लिटा दिया ।

अब पूजा का पूरा शशिर बेड पर और पैर नीचे लटका हुआ था और मैं पैर नीचे किये ही उसके ऊपर झुका हुआ था मैं सोनी को हाथ से छूना चाहा पर वो दूर थी, मैं उसको किस करने लगा उसके एक चुंची एक हाथ से दबाते हुए दूसरे हाथ से उसका बुर सहलाने लगा ।

गीली बुर पे उंगली फिराते फिराते बुर काफी रिस गयी थी अब मेरे भे लन्ड में तनाव आने लगा था, मैं तौलिया हटा कर फेंक दिया सोनी के तरफ, मेरा लन्ड जैसे ही पूजा के पैर में टच हुआ तुरंत टाइट तैयार हो गया गया मैं पूजा को बोला नाइटी उतार दीजिये वो तुरंत उठना चाही मैं खड़ा हो गया वो झट उठ बैठि और नाइटी उतार पीछे फेक दी शायद वो भी सोनी के बॉडी पर गिरा होगा और फिर वैसे ही लेट गयी।

घुसाये ना अब प्लीज मन कर रहा है कहते हुए मेरा लन्ड पकड़ ली, मेरे लन्ड में तो जैसे बिजली दौड़ गयी हो देखते ही देखते नाग की तरह फुफकारने लगा जैसे गरम लोहे का रड हो मोटा सा। मैं कुछ नही बोला और उसका दोनो पैर ऊपर उठाया अपने कंधे पे वो सीधा बेड पर लेटी थी मैं नीचे खड़ा था, दोनो पैर उठाते ही मेरा लंबा से लन्ड उसके जांघों के पीछे से उसके पेट पर चला गया वो तुरंत नीचे करके अपने बुर में घुसाने लगी पर गुसा नहीं मैं जोर से धका मार दिया लन्ड का आगे का गोला वाला सूपाड़ा वाला भाग का आधा हिसा घुस गया और वो चिहुक गयी मेरा लण्ड छोड़ दी मैं दोबारा झटका मारा लन्ड छटक कर नीचे उसका गाँड़ रगड़ते हुए नीचे बेड पर धका मार दिया।

मैं हाथ से पकड़ कर ऊपर बुर पर लाया तो पाया कि लन्ड इतना मोटा टाइट और लंबा हो चुका था कि मेरे हाथ मे अच्छे से नही आ रहा था मैं अपने मुठी में नही बांध पा रहा था, मैं दबाकर पकड़ा और पूजा के बुर पर रखा और धीरे धीरे धक्का मारने लगा पर पूजा के बॉडी को पीछे धकेल देता था पर घुसता नही था कुछ ही देर में मैं परेशान हो गया मेरे लन्ड का अगला भाग दर्द करने लगा था मैं बोलै पूजा जी घुस नही रहा है उसने हंसते हुए बोली कि तो मैं क्या करूँ ओर वो भी पकड़ कर घुसाने लगी पर नाकामी मिली तो बोली थूक लगाइये ना, पूजा फोन पर बात करते करते खुल चुकी थी मैं फोन पर ही कई बार चोद चुका था वही वो बोल रही थी, मुझे अंदाज हो गया कि ये शायद कभी किसी से चुदी नही है मैं तुरंत थोड़ा थूक लगाया अपने लन्ड के मुँह पर और उसके बुर पर रखकर दबाने लगा हल्का अंदर जाते रुक जा रहा था इस बार जोर से दबाते हुए धक्का मार दिया लन्ड का अगला भाग जो बड़ा सुपाडा था भीतर चला गया पूजा हँसना बंद कर आह मम्मी चिल्लाई मैं बिना देर किए थोड़ा पीछे कर दोबारा बहुत जोर से धक्का मार दिया लन्ड आधा घुस गया पूजा का देह ऎंठने लगा वो मम्मी मम्मी उहूहू कर रोने लगी मैं फिर तिबारा धक्का मारा लन्ड थोड़ा और घुसा अब मुझे पीछे की ओर धकेलने लगी पर मैं झुककर उसका कंधा पकड़ चुका था मैं अब हिलने वाला नही था पर जानबूझकर अपना लन्ड हल्का पीछा किया और उसके मुंह पर अपना मुंह रख दिया और होठ चूसने लगा शायद वो कांपने जैसा कर रही थी कुछ देर मैं चुप चाप चूमते रहा फिर चुंचियाँ दबाने लगा अब वो नार्मल हो गयी थी मैने धीरे धीरे अपना लन्ड हिलाना शुरू किया बुर बहुत टाइट थी मेरा लन्ड कश गया था।

काफी देर बाद बुर में पूरा लन्ड आने जाने लगा पूजा अब मजे से चुदवाने लग गयी थी, मैं पूछा क्यों जी अब मजा आ रहा है वो बोली है जी पर मैं सोची थी इतना दर्द नही होता होगा, तभी मैं पीछे खीचकर जोर से धक्का मार अपना लन्ड उसके बुर में भीतर घुसेड़ दिया जैसे गहराई मापना चाह रहे हो। वो तिलमिला गयी बोली च च च च धीरे धीरे ही मजा आ रहा है ज्यादा अंदर मत घुसाये मैं बोलै ठीक है। वैसे ही टांग उठाये पेलता रहा खूब देर से पेला वो अब चुदाई का मजा ले रही थी मेरा लन्ड बुर में दबा हुआ अंदर बाहर हो रहा था कसी हुई बुर चोदने का एक अलग ही मजा है फिर मैं ऊपर होने को बोला क्योंकि मेरे कमर में दर्द जैसा महसूस होने लगा था देर हो चुका था गच गच पेलते हुए पर पूजा आराम से चुद रही थी मैं सोचा बेड पर ऊपर आकर आराम से दो चार सॉर्ट मारु।

पूजा आसानी से ऊपर खिसक के पैर फैला कर लेट गयी मैं ऊपर आकर उसके बुर में थोड़ा लन्ड डाल ह्चाक से मार दिया लन्ड घप से अंदर घुस गया और दनादन घपघप चोदने लगा पूजा कभी कभी अपना चूतड़ दायें बाये कर रही थी शायद दर्द हो रहा हो पर वो लन्ड की बहुत भूखी मालूम ही रही थी तभी मेरे एक पैर में सोनी का पैर टच किया, मैं तुरंत अपना एक हाथ बढ़ाया तो उसका पिछवाड़ा ही टच हो गया उंगली की हरकत करते ही बुर के पास चला गया वहाँ कोई कपड़ा नही था मैं उसके बुर में उंगली डाल सहलाने लगा सोनी कुछ नही बोली तभी मेरा लन्ड चटक गया और बाहर आ गया, अचानक मेरे मुंह से निकल गया घोड़ी बनिये ना पूजा जी, वो तुरंत बन गयी, मैं सोनी का बुर छोड़ छाड़ पूजा के बुर में अपना लन्ड हिलाकर डालने लगा तो वो खुद अपना चूतड़ पीछे कर लन्ड अपने बुर में लेने लगी मैं धीरे धीरे लन्ड अंदर ठेलता गया आधा से ज्यादा गया होगा कि बोली बस बस इतना ही पर करिये, मैं बोला क्या करिये और थोड़ा हंस दिया वो बोली चोदिये मैं बोला है सब बिंदास बोलिये जैसे फ़ोन पे बोलती हैं।

फिर मैं उसका दोनो चूतड़ पकड़ कर चोदना स्टार्ट कर दिया धीरे धीरे मुझे इतना जोस आ गया कि पूरा लन्ड घुसता गया वी मना की पर मैं नही सुना और अब तक पूरा लन्ड अंदर बाहर करने लगा था पूजा रो रही थी पर एक बात है कि वो वैसे की वैसे ही चुदवा रही थी मैं जोर जोर से धक्का मारने लगा वो रोये जा रही थी बुर से गजब तरीके की आवाज आ रही थी जो मैंने कभी नही सुना था मैं जितना ज्यादा पीछे खींच कर पूरा लन्ड पेलता उतना ही ज्यादा बुर आवाज कर रही थी, मैं पूजा के चूतड़ पर गर्मी का अनुभव किया हालांकि गर्मी मुझे भी हो रही थी, मैं एक हाथ से उसका चूतड़ सहलाने लगा फिर धीरे धीरे उसके गाँड़ के बिल पर उंगली रख दिया वो कुछ नही बोली मैं उंगली अंदर डालने का प्रयास करने लगा पर डाल नही पाया मेरा लन्ड बाहर आकर मेरे उंगली को धक्का दे दिया और वो नीचे पसर हाँफने लगी।

अब पूजा उल्टा लेटी थी और मैं उसका गोरा गोरा बड़ा बड़ा चूतड़ दबा रहा था मेरा लन्ड बिल्कुल जस का तस तना हुआ खड़ा था मैं बगल में पड़े कपड़े लिया और ठीक से अपना लन्ड और पूजा का बुर साफ किया और ऊपर से ही दोनों चूतड़ के बीच से गाँड़ पे लन्ड रगड़ते हुए नीचे बुर के तरफ किया तो उसने चूतड़ ऊपर उचका दी लन्ड घप से अंदर घुस गया और मैं पूरा का पूरा लन्ड घुसेड़ दिया आह मम्मी करते हुए चुप हो गयी मैं आराम से उसके चूतड़ पर बैठ गज गज बुर का मजा लेने लगा पर इस पोज में जल्दी जल्दी लन्ड बाहर निकल जाता और निचे गद्दे में धक्का मार देता और जब ऐसा होता मैं लन्ड को पकड़ दो चार बार सहलाता फिर उसके गाँड़ पर रगड़ता हुआ बुर में घुसाता फिर चोदने लग लाज कभी सोनी के तरफ झुक कर उसका चुंची दबा देता था वो जगी थी और मजे भी ले रही थी मैं ये बात जान गया था उनको डर थोड़ा भी नही थी, एक उसके गाँड़ में ही घुसाने लगा तभी पूजा बोली इसमे बाद में पेलियेगा अभी बुर ही मजा आ रहा है, मैं बोलै ओके पर किसमे बाद में उसने कहा गाँड़ में। और उलटकर सीधा होने लगी तभी अचानक लाइट आ गयी कमरे में एकदम दूध जैसा उजाला हो गया और उसकी नजर सोनी पर पड़ी।

सोनी अपने मुंह पर इसका नाइटी डाली थी और पूरा बॉडी ऐसे ही दिख रही थी पूजा ने चुप चाप ऊपर से नीचे निहारते मेरे मुंह पर देखी, मैं धीरे बोला मैं गैलरी में टहलते आपको समझ उठा लाया था इनकी कोई गलती नही है, मैं डर गया पता नही क्या होगा, तभी मेरी बात सुन सोनी उठकर बैठ गयी और हंसने लगी और पूजा भी उसको हँसते हुए मारने लगी चुड़ैल फोन पे भी सब सुनती थी अब यहाँ भी सुनेगी, अब मैं सुनूँगी, बल्कि सुनूँगी नही देखूंगी और तू चुदाएगी और मारे जा रही थी सोनी बोली ठीक है ठीक है बस कर पूजा रुक गयी ।

मैं दोनो का गोरा गोरा बॉडी देख पागल हो रहा था दो लड़कियां लंबी लंबी हल्की मोटी मोटी मस्त फिगर वाली चार चुंचियाँ सामने लण्ड अकड़ने लगा मैंने देखा तो दंग रह गया मोटा लम्बा ऐसे तना था जैसे सालभर का भूखा सांड़ हरीयाली देख लिया हो।

सोनी मुस्कुरा मेरे तरफ देख रही थी और पूजा शरमाई सी मेरे लन्ड के तरफ, मैं पूजा का हाथ पकड़ अपने तरफ खिंचा पूजा मेरे जांघ पर गिरी और उसके दोनों होंठ के बीच मे मेरा लण्ड चला गया, हे हे नमकीन नमकीन सा लग रहा है चाउमीन के टेस्ट से मिलता जुलता। पूजा का मन नही भरा था उसका अभी मन कर रहा था चुदवाने को मैं ये समझते हुए उसको सीधा लिटा दिया और चढ़ गया पूजा बोली सोनी लाइट ऑफ कर दो नही सोनी जी बोलते हुए मैं सोनी का हाथ पकड़ लिया, सोनी हस्ते हुए बोली नही आज देखूंगी भी इतना कहते मैं लण्ड पूजा के बुर में डाल चुका था और पूजा ओह सईई च करके आँख बंद कर चुकी थी वो कुछ नही बोली और चुदवाने लगी मैं लन्ड अंदर बाहर कर कसी हुई बुर मजे में चोदना सुरु कर दिया। पूजा बगल में लेट मुस्कुरा रही थी। मैं उसके बुर में उंगली डाल हिला रहा था तभी पूजा मेरा कमर पकड़ ली और दवाने लगी मैं समझ गया ये झड़ने वाली है मैं तुरंत सोनी को छोड़ पूजा का दोनो टांग ऊपर उठाय और उसका कंधा पकड़ लिया नीचे से हाथ लगा कर और मैं भी आंखे बंद किया और लगा जोर जोर दे धक्का मारने पूजा उन्हहुंह हूँउन्नन्नं आह अहह अहह कर रही थी पर जब से मेरा कमर नही छोड़ी तबसे मैं पेलता गया।

अब वो झड़ गई थी शायद और मुझे छोड़ दी मैं पेलता रहा पर थोड़ी ही देर में बोली अब नही निकालिये प्लीज दर्द हो रहा है पर मैं रुका नही मुझे कसा माल बहुत मजा आ रहा था और मैं भी सोच रहा था कि अपना बीर्य भी इसी साथ गिरा लूं पर उसने ऐसा होने नही दिया तो उठने लगी मैं जबरदस्ती नही किया और रोता देख छोड़ दिया।

सोनी अपना मुंह दोनो हाथों से ढकी सोई थी मैं झट उसके ऊपर चढ़ गया और जैसे ही अपना लन्ड घुसना चाहा हैरान रह गया, लन्ड पूरा खून से सना था मैं पूजा के तरफ देखा वो धीरे धीरे पंखे को चलते देख हाफ रही थी।

मैं मन ही मन सोचा इतनी स्मार्ट लड़की का शील तोड़ने का सौभाग्य मुजे मिला मैं धन्य हो गया। मेरी नजर अब सोनी के बड़ी बड़ी चुँचियो पर पड़ी मैं भूखे शेर की तरह भीड़ गया मेरा लन्ड कब से चुदाई कर रहा था अब पानी निकाले बिना चैन नही था।

मैं खून लगा लन्ड ही सोनी के बुर में डालना चाहा पर कम गीली होने के वजह से नही घुसा मैं झट से थूक छुआ दिया उसके बुर पर और लन्ड से ऊपर नीचे मिलाया सोनी अपना हाथ मेरे पेट पर रख दिया शायद की मैं ज्यादा नीचे न दबा पाऊँ, मैं बुर बीच मे रोका और धक्का मार दिया लन्ड सर से घुस गया पीछे झट खिंचा और दूसरी बार झटका मारा लन्ड पूरा घुस गया आह वोह हो होह सीईई कितना बड़ा है जी आपका जरा आराम से कीजिये तभी झट पूजा बोली क्यों तेरी बॉयफ्रेंड से भी बड़ा है क्या ओर मुस्कुरा दी और मैं घपाघप चोदने लगा। कभी कभी जोर से धक्का मार देता था वो आह बोल हंस देती थी हाथ से मुझे पीछे धकेले पकड़े थी फिर भी मैं आराम से पूरा लन्ड घुसेड़ दे रहा था, पूजा की बात सुन सोनी शर्मा सी गयी थी। मैं पूछा बॉयफ्रेंड है क्या सोनी जी, बोली पहले था अब नही है। मैं बोला तब तो काफी मजे कि होंगी?

नही चार पांच बार पूजा बोली।

मैं बोला अच्छा तो मेरे से बड़ा था मैं भी चुस्की ले लिया पूजा को खुश करने के लिए सोनी कुछ नही बोली पर पूजा जिद करने लगी तो बोली नही लम्बाई लगभग इतना होगा पर आपका बहुत मोटा है और वो बहुत जल्दी करके हट जाता था और आप कहते ही चुप हो गयी । सोनी बोली बोलो बोलो चुप क्यों हो गयी।

मतलब यही की आप देर से करते है और अपना हाथ हटा ली मुझे लगा मानो बंधन टूट गया हो और लगा बुर का बैंड बजाने घप घप गच गच चोदने लगा सोनी पकड़नी चाही पर पूजा उसका हाथ पकड़ लिया और जोर से मारिये बोलती हुई हंसने लगी ।

मैं सोनी का टांग उठा लिया और स्टार्ट कर दिया रेल गाड़ी सोनी नही नही धीरे प्लीज धीरे हीईई ऊँठहठहद और रो दी पर मैं रुका नही और खूब पेला रुला रुलाकर। देर बाद दोनों साथ ही झड़ गए। पर गाँड़ मारने का लालसा पूरा नही हुआ था, मैं तुरंत उसके ऊपर से हट दीवार से लग के बैठ गया मैं काफी थक गया था, तभी पूजा सीधा होकर बैठी ही थी कि हे भगवान ये क्या हुआ है उसका चादर पर लगे खून के दाग पर पड़ा वो अपने बुर पर देखी और रोते सा मुँह बना ली पहली बार जहां पैर उठाकर मारा था वहाँ काफी चादर गंदा हो गया था ये क्या हो गया है और उसके आँख से आंसू टपकने लगे ये देख सोनी बोली कुछ नही होगा चुप हो जाओ मेरा भी ऐसा हुआ था पहली बार अब नही होता है।

पूजा शांत हुई थोड़ी कल दीदी देखेगी तो क्या होगा ? दीदी देखेगी तब न वो नीचे सोई है दादी के यहां चलो अभी धो देते है गर्मी का मौसम है सुख जाएगा।

फिर हमसब बाथरूम गए मैं अपना लन्ड धोकर वापस आ गया थोड़ी देर में वो दोनों भी आ गयी चादर को आलमीरा पर फैलाकर बोली कि जब सुख जाए तो भोर में जग कर बिछा लीजियेगा हमलोग जा रहे है।

मैं बोला मेरी नींद नही खुल पाएगी मैं लेट से जगता हूँ आपलोग यही सोइये भोर में चले जाइयेगा। दोनो मानी नही पर जिद करने पर रुक गयी पूजा बोली ठीक है मैं उधर कमरे मे घूम कर आती हूँ और चली गयी। मैं सोनी को देख रहा था वो अपना कपड़ा ठीक कर रही थी तभी पूजा आ गयी बोली तू जा सोनी मुझे चलने में दर्द हो रहा है, मैं बोला कहाँ?? पर कोई कुछ जवाब नही दिया और सोनी उठकर चली गयी। मैं पूजा को पकड़ कर सो गया थोड़ी देर बाद सोनी भी आई और लाइट ऑफ करके सो गई।


कुछ घंटे सोने के बाद अचानक मेरी नींद खुल गयी, मैं पाया कि मेरे कछे के अंदर किसी ने हाथ डाल रखी है और मेरे छाती पर भी एक हाथ है और मेरे पैर पर भी एक पैर जो अभी हटती मालूम हुई, मैं हाथ से छूते हुए देखा सोनी का पैर था वो दाहिने साइड सोई थी उसी का हाथ भी मेरे पैंट में था जो अब हरकत में था और छाती पर पूजा हाथ रखकर सो रही थी उसकी नाक से तेज तेज सांस चलने की आवाज आ रही थी।

मेरा लन्ड में हल्का हल्का दर्द से फील हो रहा था पर सोनी के हाथ के सहलाने पर ओ धीरे धीरे उठने लगा था। मैं चुप चाप वैसे ही पड़ा रहा, सोनी कभी मेरा लन्ड सहलाती कभी रुक जाती। फिर उसने कच्छे से लन्ड निकाल लिया फिर वो धीरे से उठी और लन्ड चूसने लगी। मेरा लन्ड अब लगभग तन ही गया था, ओ दोनो हाथो से पकड़ कर लंड चूसने में मशगूल हो चुकी थी अब मेरे से रहा नही जा रहा था पर मुझे लन्ड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था। मैं उसके सर पर हाथ रख दिया उसने मेरा हाथ छूकर देखी किसका है तभी मैं उसका सर नीचे दबाया वो फिर लन्ड चूसने लगी। मैं अब उसकी चुंची दबाने लगा कुछ देर बाद मैं पूजा का हाथ धीरे से हटाया अपने छाती से और करवट घूम गया। सोनी अब मेरे बगल में लेटी, मैं उसका पैंट उतारने लगा तो उसने खुद ही उतार दी।

सोनी का चुंची दबाते चूतड़ सहलाया और जब बुर पर हाथ घुमाया तो पाया कि बुर एकदम गीली हो चुकी है। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और हल्का पैर फैलाकर उसके बुर में लन्ड दाल दिया। सोनी बोली धीरे धीरे ही कीजियेगा प्लीज दर्द हो रहा है और अपना टीशर्ट ऊपर कर दोनों चुंचियाँ बाहर निकली और मेरे सर नीचे करते हुए मेरे मुँह में एक चुंची पकड़ा दी। चुंची पीते पीते चोदना स्टार्ट कर दिया। धीरे धीरे पूरा का पूरा लन्ड सोनी के बुर में अंदर बाहर करने लगा। मैं बारी बारी से दोनों चुंची चूस रहा था। धीरे धीरे कब ठुकाई का स्पीड बढ़ गया पता नही चला। सोनी अपना दोनो हाथ मेरे पीठ पर रखी आंनंद में सिसकारी भर अपने बुर की चुदाई में लीन हो चुकी थी। कुछ देर बाद ऐसे ही चलता रहा तभी अचानक लाइट जल गयी। हमदोनो ने बगल में देखा पूजा मुस्कुरा रही थी।

और फिर हमदोनों पहले की तरह स्टार्ट हो गए। कुछ देर चुप चाप देखने के बाद मेरा कमर दबाते हुए पूजा बोली और जोर से शॉर्ट मारिये और और जोर से फिर वो टॉयलेट करने चली गयी।

उसके जाने के बाद मैं सोनी से बोला एक साथ तीनो मिलकर करते है कोई दिक्कत है?

वो धीरे से कमर उचकाते बोली दिक्कत क्या है सब सामने ही न हो रहा है।

अब मुझे एक साथ दो स्मार्ट लड़कियों का बुर मारने का अवसर नजर आने लगा था अभी तक तो बारी बारी से चोदा था अब एक साथ चोदूँगा।

पूजा वापस आयी और हँसते मेरा पैर पकड़ कर खीचने लगी मैं सोनी के ऊपर से हट गया सोनी का लाल लाल बुर झाग से भरा था। मेरा भी लन्ड झाग से गन्दा हो गया था मैं सोनी के पैन्टी से साफ कर लिया।

पूजा बोली तुम किनारा आकर अपना पैर ऊपर उठा लो और फिर ये बेड के निचे से खड़ा होकर चोदेंगे।

सोनी बोली नही पहले आप करवा कर बताओ तब न जीजू? मैं हाँ में सर हिला दिया।
पूजा सोनी का पैर खीचने लगी तो सोनी करवट बदलते बदलते पलँग के उस तरफ चली गयी। पूजा ने उनके ऊपर बैठ कर चिंटी काटने लगी और मारने लगी और जोर जोर सोनी का चुंची मसलने लगी।

सोनी बोली अच्छा छोड़ छोड़ मैं वैसे ही करती हूं।

सोनी ने उठकर पलँग के एकदम किनारे आ गयी और बैठकर पैर नीचे लटकाकर सीधा लेट पैर ऊपर उठा ली। अब पूजा को अपने तरफ देखते देख मैं सोनी के पास गया और उसका पैर फैलाते हुए अपना लन्ड डाल जोर से धक्का मारा। सोनी उन्ह सीईई करके अपना सिर उठा के नीचे पटक दी। मैं थोड़ा रुका और लन्ड पीछे कर दोबरा झटका मारा सोनी के मुँह से पहली बार आह मम्मी की आवाज मैं सुना और जोस से भर गया।

अब मुझे सोनी की फूली हुई बुर की चुदाई के अलावा कुछ नही सूझ रहा था। मैं उसका दोनो मोटी जांघ पकड़ कर घचाक घचाक चोदने लगा लन्ड बाहर की तरफ खिंचता और जोर से धक्का मारते हुए सोनी के बुर के भीतर घुसा देता। कुछ ही देर में सोनी निकालने को बोलने लगी पर पूजा वंही बैठ गयी  उनके हाथ मे मोबाइल था शायद वो टॉयलट करते टाइम लेकर आई थी वो ये सब रेकॉर्ड कर रही थी।

मैं रुककर पूजा को किस करने लगा तभी बोली चोदिये चोदिये मैं रेकॉर्डिंग कर रही हूं हमदोनो प्लान किये थे बाथरूम में चादर धोते टाइम। सोनी बोली कि दोनों साथ मे बोले थे केवल मेरा ही थोड़ी। पूजा ने हँसते हुये बोली अच्छा ठीक है बाबा मैं भी तयार हु टेंशन ना ले और मेरे तरफ इशारा की जोर से चोदने का।

मैं तो जैसे पूजा का गुलाम ही हो गया था

तूफान की तरह झटका मार मार चुदाई स्टार्ट किया स्पीड बढ़ती गयी और सोनी बेचारी रोने लगी पर पूजा ने कुछ नही सुनी और न ही मैं सुना। फिर पूजा घोड़ी बनने को बोली पर सोनी ने मना कर दी बोली नही अब तुम्हारी बारी है। मैं भी बोला हाँ अब आपकी बारी है और मैं अपना लन्ड निकाल लिया।

पूजा ने मेरे लन्ड का बहुत अच्छे से रेकॉर्डिंग की वो एक हाथ से मेरा लन्ड हिला कर सहला भी रही थी और सोनी ये सब देख रही थी थोड़ी देर रुक मोबाइल उसने छीन लिया और खुद रेकॉर्डिंग करने लगी।

अब मेरी जान पूजा की बारी थी उसने भी देर नही की और अपना कपड़ा उतार घोड़ी बन गयी।

मैं पूजा को घोड़ी बना देखा तो सबसे पहले उसके गाँड़ पर नजर गयी, गोरे गोरे दो बड़े चूतड़ों के बीच मे गोल लाल गाँड़ का हल्का सा छेद का ऊपरी हिसा दिखाई दे रहा था मेरा मन ललच गया। मैं अपने लन्ड पे हाथ फेरा लन्ड तो एकदम रड जैसा सख्त खड़ा था जैसे उसे पूजा के गाँड़ का ही इंतजार हो।

मैं उसका चूतड़ फैलाया और उसका गाँड़ देखा छोटा सा गोल एकदम चिकना से लाल बंद बिल दिखायी दिया। मैं लन्ड उसी के ऊपर लगड़ने लगा । पूजा बोली अभी बुर बाद में गाँड़ मैं खुश हो गया बोका ओके जी और बुर में डाल दिया। पूजा नीचे बैठ गयी मैं बोला क्या हुआ? वी बोली काफी दर्द हुई बुर में और सीधा होकर अपना बुर चेक करने लगी। हमतिनो दंग रह गए पूजा की बुर फूली हुइ थी सुजन काफी होने के चलते बुर और बड़ी दिख रही थी। आज अब बुर नही गाँड़ ही मार लीजिये सॉरी सोनी दूसरे दिन तुम मेरे बुर चुदाने का विडियो बना लेना और पूजा उल्टा लेट गयी।

मैं उसका गाँड़ फ़ैलाया और लन्ड बिल पर रखकर ठेलने लगा सोनी सामने से विडियो बना रही थी। लन्ड घुस नही रहा था
मैं सोनी के हाथ से मोबाइल ले लिया और पूजा के ऊपर ही घोड़ी बना दिया फिर कुछ देर सोनी के बुर चोदा। अब मेरा लन्ड भी गिला हो गया था मैं सोनी के बुर से लन्ड निकालकर पूजा के गाँड़ में फिट किया और सोनी को मोबाईल थमहा दिया। एक हाथ से लन्ड पकड़ खूब जोर से धका मारा और पूजा के पीठ पर लेट गया लन्ड तो घुस गया पर पूजा इतना जोर से चिलाई की आस पास आवाज जरूर गयी होगी मैं जानता था चिलायेगी जरूर पर लन्ड नही निकाला वैसे ही रुका रहा और फिर लेटे लेटे पेलने लगा पूजा छटपटा रही थी और मैं पेल रहा था।

सोनी बोली थोड़ा ऊपर उठिए दिख नही रहा है और मैं अपना बॉडी ऊपर उठाकर अभी एक दो बार मारा ही था की सोनी ने इसारा किया। मैं लन्ड के तरफ देखा लन्ड में खून लगा था मैं रुक गया। अपना कच्छा लिया और फिर चारो तरफ से साफ किया। पूजा अभी भी सिसक रही थी । मैं बोला अब हो गया बस और मैं हट गया, पूजा की गाँड़ फट गयी थी इसलिए मैंने छोड़ दिया पर अपने तगड़े लन्ड पर गर्व कर रहा था और मेरी प्यास अभी बुझी नही थी ।

पूजा बैठ गयी उसको मालूम नही था की मेरे गाँड़ को कोई छती पहुंची है। उसने सोनी से मोबाइल ले लिया और बोली चल अब तेरा वीडियो बनेगा पीछे की तरफ लेट जा। मैं सोच रहा था कि अब सोनी गाँड़ नही मारने देगी क्योंकि वो पूजा की गाँड़ की स्थिति देख चुकी थी पर वो तुरंत बोली ठीक है पर धीरे घुसाना है तब। मैं बोला ठीक है। सोनी माहिर हो चुकी थी अब चुदने में।

सोनी अब उल्टा लेट गयी इसका भी गाँड़ बढ़ा था मुझे तो अब पेल पेल के अपना पानी गिरना था।

मैं भूखे शेर की तरह उसके ऊपर चढ़ जब उसके गाँड़ पे लन्ड भिड़ाया तो वो डर गई और मेरा लन्ड पकड़ ली बोली धीरे से प्लीज
वो सोच रही थी मेरे गाँड़ की भूख मिट जाए पर फट न जाय।

मेरे मन मे ख्याल आया कि इसका भी गाँड़ फार दूँ। मैं जानता था कि एक ही बार मे हच से टोटल लन्ड पेल दूंगा तो फट जाएगा। मैं धीरे धीरे सोनी के गाँड़ में लन्ड घुसाने लगा काफी देर हो गया पर अंदर नही गया। जैसे ही जोर लगता वो प्लीज प्लीज करने लगती तभी पूजा ने कूद कर मेरे कमर पर बैठ गयी उस टाइम थोड़ा सा लन्ड का मुंह सोनी के गाँड़ में जा चुका था। पूजा के कूदते ही पूरा लन्ड गाँड़ में चीरते हुए चला गया पूजा भी बहुत जोर से चिलाई उन्ह मम्मी आ ईह निकालिये निकालिये ना पर मेरे कमर पर से पूजा हटी नहीं बल्कि और दबा रही थी मेरा लन्ड सोनी के गाँड़ में कस गया था मैं भी पूजा के हिलाने के साथ साथ अंदर पेले जा रहा था।

सोनी जोर जोर से रोने लग गयी, कोई जान न जाय इसलिए मजबूरन छोड़ना पड़ा, लन्ड बाहर निकाला तो गंदी सी गंध कमरे फैल गयी जैसे कोई टॉयलेट कर दिया हो और ब्लड भी लन्ड पे लगा हुआ था यानी सोनी का भी गाँड़ फट चुका था। मैं बाथरूम गया और लन्ड को अच्छे से साफ किया और वापस कमरे में आ ही रहा था गोल्डी पर नजर पड़ी वो दरवाजे में कान सटाये कुछ सुनने की कोशिश कर रही थी, मेरी आहट मिलते ही वहाँ से चल दी। मैं समझ गया ये सब जान चुकी है। मैं कमरे में गया किसी से कुछ नहीं बोला दोनो लड़की जाने लगी मैं बोला जो वीडियो बनाई हो दिखा दो एक बार मुझे भी, नही बैटरी नहीं है स्विच ऑफ हो गया बाद में देख लीजियेगा पूजा बोली ओर दोनो कमरे से बाहर चली गयी।

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Saturday, February 1, 2020

MBBS दीदी की डॉगी स्टाइल में चुदाई

क्यों खुद के ही प्रयास से MBBS दीदी ने डॉगी स्टाइल में चुदवायी?

हेलो दोस्तों, आज मैं धीरेन्द्र की कहानी पोस्ट किया आपको पढ़कर बहुत मजा आएगा।

मेरा नाम धीरेन्द्र है मैं लखनऊ में रहकर exam की तैयारी करता हूँ, मैं लम्बा गोरा 25 साल से ज्यादा का हूँ मेरा लण्ड छे इंच से थोड़ा ज्यादा है और एकदम गोरा है मेरे लण्ड की दीवानी मेरे गांव की दो तीन लड़कियां हैं मैं जब भी गांव जाता हु बड़े आराम से बुर चोदने को मिल जाता है, एक दिन मेरे पापा का फ़ोन आया की परसो आयशा जाने वाली है उसे लेने स्टेशन चले जाना और वहाँ दो दिन रहेगी देखना कोई दिक्कत न हो उसके पापा तुमको फ़ोन करेंगे, मैं बोला ठीक है पापा।

शाम में अंकल का फोन आया बोले बेटा मेरी लड़की को कुछ काम था लखनऊ में, वो दो दिन वहाँ  रुकना चाहती है, मैंने तेरे पापा से बात किया था तो बेटा थोड़ा देख लेना, मैं बोला ठीक है अंकल जी, ये मेरे गांव के अजय त्रिपाठी थे वहीँ हाई स्कुल में पढ़ाते हैं इनकी लड़की आयशा एमबीबीएस कम्प्लीट कर चुकी थी कभी कभी जब मैं गांव जाता था त्योहारों में, तो ये मिलती थी मैं दीदी बोलता था, आयशा लम्बी चौड़ी ठीक ठाक थी उसकी गोराई भी उजली वाली थी।

 अगले दिन आयशा ने ही कॉल की बोली ग्यारह बजे स्टेशन आ जाने के लिए, मैं बोला ठीक है दीदी, अगले दिन मैं स्टेशन गया लेने फिर उनको रूम पर छोड़ कर मैं कोचिंग चला गया।  मैं खाना बना दिया था मॉर्निंग में ही उनको सब बता दिया था जाते समय, जब मैं वापस आया तो लेटी थी दरवाजा खुलवाया वो नहाकर कपडे बदल ली थी थोड़ी देर बाद वो अपने गांव से खाने की सामग्री लायी थी वही निकल कर दी, फिर हम दोनों साथ में खाने लगे उन्होंने पढाई लिखाई के बारे में पूछ ताछ  की फिर मैं शाम को सब्जी लाने जाने लगा तो वो भी जाने को बोली मैं बोला नहीं दीदी आप यही रुकिए मैं लेकर आता हूँ पर वो नहीं मानी।

मार्केट में जाने के बाद सब्जी का पैसा भी जबरदस्ती उन्होंने ही दिया फिर हमदोनो चाउमीन और गोलगपे भी खाये फिर घर आ गये।  हमदोनो ने मिलकर खाना बनाया और खाया फिर उनको अंदर सोने के लिए बोलकर मैं हॉल में सो गया एक ही कमरा था और सिंगल बेड  था मेरे पास इसलिए मैं उनके साथ नहीं सोया, मैं दोस्त के साथ चैट कर रहा था whatsaap पर तभी एक लिंक आया मैं उसपर क्लिक कर दिया वो जैसे ही ओपेन हुआ आह अहह की आवाज गूंज गयी मैं झट अपना साउंड काम कर लिया और ईयर फ़ोन लाने कमरे में गया तो देखा आयशा व्हाइट कलर की टाइट टीशर्ट पहन कर सोई मोबाइल में कुछ देख रही थी मुझे देख उन्होंने बोला क्या कोई प्रॉब्लम हुआ मैं बोला नहीं दीदी और मैं बहार आकर बीएफ विडिओ देखने लगा  काफी देर बाद मुझे कुछ आहट सी महसूस हुयी मैं कमरे की तरफ देखा पर्दा गिरा हुआ था मुझे शक हुआ कहीं आयशा दीदी ने देख तो नहीं लिया, काफी रात हो जाने पर मुझे लगा वो सो गयी हैं और मैं करवट होकर देख रहा था जिस वजह से मेरा मोबाइल दरवाजे की तरफ से साफ दिख रहा होगा मैं अपना लण्ड भी हाथ से हिला रहा था मैं सोचने लगा अगर देख ली होंगी तो क्या सोचेंगी और मैं मोबाईल रखकर सो गया।

थोड़ी ही देर बाद पीछे किसी का होने का आहाट महसूस कर घुमा तो देखा दीदी बगल में सोई है मैं सोचा अंदर गर्मी लगती है शायद इस वजह से आयी होंगी और मैं सीधा सो गया अचानक मेरी आंख खुली दीदी का हाथ हिल रहा था और वो कभी कभी सी सी कर रही थी मेरा रोम रोम खड़ा हो गया हलकी हल्की रोशनी में आयशा दीदी का एक टांग दिख रहा था वो शायद अपने बुर को साहला रही थी मेरे मन में ये बात आते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

मैं जानबूझकर करवट बदला और उनके चूँची पर हाथ रखकर सो गया मेरा लण्ड उनके जांघ में सट हुआ था अयसा दीदी शांत थी थोड़ी देर बाद मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया जिससे उनका चूँची दब गया हल्का सा फिर वो अपना हाथ कभी ढीला अभी दबा रही थी मैं अपना हाथ धीरे से खींचना चाहा पर उन्होंने दबा लिया मैं धीरे धीरे खुद ही दबाना शुरू कर दिया वो कुछ नहीं बोली फिर अपना हाथ हटा लिया मेरा लण्ड बिलकुल तन गया था जैसे उनके जांघ में छेद कर देगा , अब मैं दोनों चूचियें को दबाये जा रहा था और वो चुप चाप अपना चूची मिसवा रही थी तभी वो उठकर बैठ गयी , मैं कुछ नहीं बोला, वो उठी और बाथरूम चली गयी उसमे से मुझे धीरे धीरे छुररर की आवाज सुनाई देने लगी फिर वो आयी और कमरे में चली गयी, मैं सोचा क्या हुआ क्यों चली गयी अच्छे से तो चुंची  मिसवा रही थी तभी वो आयी और लाइट जला दी मैं उनके तरफ देखा वो मुस्कुरा रही थी , बोली गन्दी विडिओ देखकर मन ख़राब कर लिए हो रोज यही करते हो क्या चलो सेक्स करते हैं,

मैं सोचा ही नहीं था की ऐसे होगा मैंमैं ही मन खुस हो गया और बोलै नहीं आयशा दीदी रोज नहीं देखता हूँ, मेरा एक दोस्त भेज दिया था, फिर देर अब किस बात की थी मैं अपना लण्ड निकाला तो वो बोली ओये होये क्या हैवी चीज पाए हो कितना गोरा है तुम्हारा, मैं मुस्कुरा दिया अरे आयशा दीदी आपके जितना गोरा थोड़ी है फिर मैं बैठा और उनको किस कर लिया वो बोली wawo क्या बात है और मैं लगातार किस करने लगा फिर उनका मुँह निचे करते हुए अपने लण्ड के सामने ला दिया मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आता है और मेरा  गोरा लण्ड लड़कियां बहुत मजे से चुस्ती हैं,


फिर आयशा ने मेरा लण्ड चाटने लगी और खूब बड़ाई कर रही थी की तुम्हरा लंड कितना मस्त है यार वो जितनी भी ऐसे बोली रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लण्ड  लोहे जैसा सख्त होता जा रहा था फिर वो बोली अब करना स्टार्ट करो और वो डॉगी स्टाइल में पीछे की तरफ घूम गयी, उनका गोरा चूतड़ के बिच में गांड और बड़ा सा बुर का दरार दिखने लगा। 

मैं अपने हिलते हुए लण्ड को उनके बुर के छेद पर भिंडा दिया और बिना देर किये झटका मारा मेरा लण्ड आयशा दीदी के बुर भीतर आधा घुस गया वो वो कराह सी दी और बोली अरे रे मनीष जरा धीरे यार इतने जल्दी में क्यों हो पूरी रात हैं भाई आराम से करो वोह दर्द करा दिया मैं बोला अच्छा ठीक है फिर मैं वापस निकाला और दोबारा पेल दिया लण्ड फिर आधा अंदर जा चूका था वो उँह करते अपना चूतड़ सहलाने लगी फिर मैं धीरे दिए अपना गति बड़ा दिया।

अब मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं कसके उनके बुर में अपना लण्ड धकेल दिया वो कराह दी पर इस बार कुछ नहीं बोली मैं झटके मार मार उनका बुर छोड़ने लगा वो उँह उँह कर रही थी और अपना चूतड़ कभी राइट कभी लेफ्ट किये जा रही थी,


मैं जब धका मारता वो उँह करके अपना चूतड़ हिला लेती और लेफ्ट तो कभी राइट घुमाते मस्त चुदाई का आनंद ले रही थी उनका बुर इतना टाइट था की मेरा लण्ड फँस फँस कर अंदर बाहर आ जा रहा था मैं लगातार चोदे जा रहा था। 

अचानक उनके बुर से पुइं पुइं तो कभी पम पम की आवाज आने लगी मैं जैसे ही अपना लण्ड पीछे खींचकर उनके बुर के अंदर पूरा ठेलता वैसे ही पम या पुइं की सिटी बज जाती थी मैं पहली बार इतना तेज तेज ऐसे आवाज सुन रहा था (ये आवाज सुन मकान मालकिन भी जुगाड़ लगायी ) मैं खूब चोदा मन लगा के और वो भी अपना गांड कभी इधर कभी उधर कर ुन्ह ुन्ह करे चुदवा रही थी, मेरा पूरा शशिर पसीने से भीग था फिर वो आगे बढ़ गयी और मेरा लण्ड निकल गया मैं सोहा की दोबारा लगाऊं पर आयशा दीदी ने सीधी होकर लेट गयी। 


अब मेरे सामने उनका टाइट बुर जो मेरे लण्ड में दर्द करा दिया मेरे सामने पड़ा था मैं उसको चोद चोद कर हलवा बनाना चाहता था और उनका पैर फैलाया और सीधा उनके बुर में घुसा दिया वो हाफ रही थी और इधर उधर देख रही थी सिसकारी भरते हुए बोली मनीष पानी नहीं रखे थे मैं रुक गया और इधर उधर देखा कहीं पानी नहीं दिखा फिर मैं लण्ड न चाहते हुए भी निकाला और तुरंत पानी लाकर दिया वो गट गट पूरी ग्लास की पानी पि गयी फिर हाफ्ते हुए लेट गयी और मैं उनके ऊपर चढ़ गया फिर उनको किस किया और लण्ड उनके बुर पर ऊपर निचे लगड़ने लगा वो धीरे से मुस्कुरई अपना चूतड़ उचका कर मेरा लण्ड का मुँह अपने बुर में घुसा ली मैं आव देखा न ताव हचाक से उनके बुर में धका  मारा, मेरा पूरा लण्ड घपाक से उनके बुर घुस कर दब  गया, वो मम्मी आह मम्मी ुन्ह जरा धिरे यार जान लोगे क्या  बोली और मेरा मुँह देखने लगी, गजब टाइट बुर था उनकी आँखों में गजब की नशा दिख रही थी , फिर वो हलकी शांत सी हुयी और मैं हल्का तेज और घापा घप चुदाई करने लगा जी भर के चोदा दो दिन निहाल करके गयी दो दिन उनकी बुर की बहुत यद् आती है इस बार होली में गांव जरूर जायेंगे। 

क्यों छोटी मामी भी चुदावा ली ?

हेलो दोस्तों ये कहानी मैं मनीष का भेजा हुआ पोस्ट किया है जो अपने मामा जी के यहाँ अक्सर जाते रहता था अपनी बड़ी वाली मामी की बहु यानि भाभी को चोदने उसी बिच छोटी भाभी भी चुदवाना शुरू कर दी थी वो भी शौक से।

मेरा नाम मनीष है मैंने बीकॉम कम्प्लीट कर लिया है अब मैं अपने गांव में रहता हूँ , जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था तब मामा जी के यहाँ ही रहकर पढ़ता था मेरे बड़े मामा प्रोफ़ेसर हैं उनकी बटे की शादी के बाद मैं भाभी को पटा लिया था और वहीँ पर बुर का जुगाड़ हो गया था भैया चेन्नई में जॉब करते थे इसलिए भाभी अकेली रहा करती थीं और मैं इसका फायदा उठा लिया। 

एक दिन किचेन में भाभी को किस करते देख ली मामी उसी दिन दे नजर रख रही थी मैं दशहरा घूमने गया था वहां अष्टमी के दिन सबलोग गए घूमने और मैं और भाभी नहीं गए रात के साढ़े आठ बज रहे होंगे मैं भाभी का माल मारने जा ही रहा था की दरवाजा बजने की आवाज आयी मैं जाकर देखा तो छोटी मामी बोली मैं आ गयी वो लोग घूम रहे हैं मेरा सर दर्द करने लगा था कहते हुए मेरे लण्ड पर देखती अपने कमरे में चली गयी मैं तौलिया लपेट रखा था और मेरा लण्ड हल्का तना हुआ था, मैं कुछ धयान नहीं दिया और चुप चाप भाभी के कमरे में घुस गया और खेल स्टार्ट कर दिया , कमरे का लाइट जल रही थी और ढाबे में जो खिड़की थी थोड़ी सी खुली रह गयी थी जिसमे से छोटी मामी सब देख रही थीं। 

सुबह जब मैं चाय पि रहा था तब मामी बोली जरा दरवाजा खिड़की भी तो बंद कर लिया कीजिये और वैसे तो गधे भी नहीं करते होंगे और मुस्कुराती हुयी चली गयी।  मेरा कलेजा धक् धक् करने लगा और नास्ता करने के बाद अपने गांव आ गया। 

कुछ दिन बाद दिवाली का सामान लाने शहर गया तो सोचा की चलो मामाजी के यहाँ भी घूम लेता हैं , घर पहुंचा तो दरवाजा बंद था मैंने आवाज लगाया थोड़ी देर में दरवाजा खुला और मैं जैसे ही नादर आया निचे देखा पानी से गिला जमीन दो ऊपर नजर उठाया तो देखा की एक लम्बी हलकी मोटी और गोरी औरत भीगी हुयी जा रही है बाथरूम की ओर तभी मुझे मामी वाली उस दिन की बात याद आयी मैं तो भूल ही गया था ये बात नहीं तो आता ही नहीं , मैं सीधा ऊपर वाले कमरे में गया देखा घर सुन सं पड़ा था किसी की होने की आवाज नहीं आ रही थी तभी छोटी मामी की आवाज आयी मनीष बबुआ जरा कपडा दीजियेगा मेरा बाहर ही है शायद घर पे कोई नहीं था और मामी कपडा बाहर ही रखकर नाहा रही होंगी। 

मैं मामी के बारे में कुछ कुछ सोंचे लगा छोटे मामा मिलिट्री में थे वो कभी कभी यहाँ आते थे मामी को अभी तक एक भी बच्चे नहीं हुए थे शादी को सात साल लगभग हो चुके थे मामी पहले से भी थोड़ा बहुत मजाक करते रहती थी , मैं कपड़ा लेकर गया और दरवाजा बजाना चाहा वो खुल गया दरवाजा बंद ही नहीं था मैं हल्का खोलकर बोलै ये लीजिये मामीजी, वो हँसते हुए बोली अंदर आकर रख दीजिये मेरे हाथ में साबुन लगा है मैं समझ गया की मामी के मन कुछ चल तो नहीं रहा है,

मैं अंदर गया और कपडे टांग कर आते समय जानबूझकर उनके तरफ नजर घुमाकर देख लिया वो सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी पुरे शरीर पर साबुन लगा राखी थी और उनका हाथ दोनों चूँचियों पर पड़ा था मैं वापस आने लगा तो बोली आप यही बैठ जाइये बात करते रहते हैं अकेले आप बोर हो जाइएगा , मैं बाहर पड़े चेयर पर बैठ गया बात करते करते मामी ने दरवाजा खोल दिया जो मैं आते ही लगा दिया था और बोली आवाज साफ नहीं आ रही है और वो नहाने लगी मैं कभी कभी उनके तरफ देख ले रहा था, वो बोली शर्मा क्यों रहे हैं अभी तो पार्टी शुरू हुयी हैं आप भाभी को ढूंढ रहे होंगे पर आज उनके बदले मेरे से पाला पड़ने वाला है देखती हु आपकी गधे जैसे हथियार की ताकत और वो मुस्कुराने लगी मेरा लण्ड अब खड़ा हो चूका था मैं बार बार उनके भरे हुए मस्त शरीर को निहार रहा था वो एकदम गदरायी हुयी थी उनकी ठुकाई भी बहुत ज्यादा नहीं हो पायी थी वो साल में एक महीना ही मुश्किल से ठुक पति होंगी ,

वो देर तक नहाने के बाद बिना कपडे पहने बाहर आयी और तौलिया से अपना पूरा बॉडी पोंछने लगी ये सब करते देख मेरा मन चोदने के लिए तड़प उठा था पर मैं कुछ नहीं बोल रहा था अभी मामी ने मुझे कपडे उतारने को बोली मुझे अब कुछ नहीं सूझ रहा था मैं कपडे उतर दिया वो बोली लेट जाइये मैं उनका हर कहना ऐसे किये जा रहा था जैसे उन्होंने मुझपर कोई जादू कर दिया हो वो मेरे पास आ आयी और मेरा लण्ड पकड़ ली फिर ऊपर निचे करते हुए बोली सच में मनीष जी आपका लण्ड हैवी है आप तो चोद चोद कर निहाल कर देते होंगे कितना बार कर चुके होंगे अबतक ? मैं कुछ नहीं बोला वो मुस्कुराती हुयी अपने मुँह से मेरा लण्ड चाटने लगी , मैं तो हैरान था ये अब के लिए भाभी को मनना पड़ता था और मामीजी तो अपने आप ही सब कार करि हैं,

मेरा लण्ड मुँह में लेलकर खूब चूसी गांव की आइसक्रीम जैसा फिर वो खुद ही ऊपर आकर मेरा लण्ड अपने बुर में घुसा ली और ऊपर निचे अपना चूतड़ हिलहिलाकर चुदवाने लगी मैं उनके बड़े बुर में अपना लण्ड अंदर बहार आते जाते देख रहा था मुझे बहुत मजा आने लगा था बुर तो बड़ी थी पर नई मल जैसी टाइट और साफ सुथरी चिकनी चकनी थी मैं देख देख कर सोच रहा था की यार मामी मुझे अपने बुर पर किस करने को बोल देती तो मैं तर जाता। 

इनका जांघ भी मोटा मोटा गोल गोल चिकना चिकना था शायद वो कुछ दिन पहले ही अपना बल साफ की थी क्युकी अभी हलकी हलकी झांट निकली थी ऐसे में उनका बुर का नजारा पागल कर देने वाला था लण्ड अंदर बाहर जाए कूच कूच कच कच का मधुर आवाज भी मदहोस कर रहा था मैं सोच रहा था की ऐसे ही मामी चुदवाती रहें खूब देर से और मैं मजा लूँ देख देख कर उन बुर में अपना लण्ड आए जाते। 

मामी अब हल्की हलकी सिस्कारि लेने लगी शायद उनको अब मजा आने लगा था मैं अब धीरे धीरे निचे ऊपर की और धका मारना स्टार्ट कर दिया मामी सी सी कर च च सी च सी आह आह अहह सी सी करने लगी, कुछ देर ऐसे चुदवाई और फिर उस तरफ घूमकर गयी अब उनका पीछे का सारा भाग दिख रहा था, उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल चूतड़ और उसके बिच में टाइट बुर में फंसा मेरा लण्ड अंदर बाहर करते और उनके गाँड़ का छेद देखते मुझे बहुत मजा आ रहा था, 

मैं खुद उनके ऊपर चढ़कर घचाघच चोदना चाह रहा था पर मैं उनसे कह नहीं प् रहा था वो ऐसे ही चुदवाने  में मस्त थी तभी मैं निचे से कसकर धका मारा वो उचककर घुटनो पर खड़ी हो गयी मैं भी उठाकर पीछे से उनका चूँची दबाने लगा कुछ देर मामी ने ऐसे दी चूचियां दबवायी और धीरे धीरे आगे की तरफ झुकती गयी धीरे धीरे वो घोड़ी बन गयी मैं उनके पीठ पर चढ़े हुए से था और चूचियाँ दबाये जा रहा था मेरा लण्ड मामी के गाँड़ पर रगड़ खा रहा था और फिर मैं सीधा हुआ और उनके बुर के छेद पर लंड लगाकर हच से मार दिया मेरा लण्ड गप से उनके बुर के भीतर चला गया मामी आगे उचकते हुए आह कर दी मैं उनका कन्धा निचे की तरफ दबाया वो और अब बिलकुल ऊपर खुली हुयी बुर और गांड़ दोनों नजर आ रहा था मैं कन्फ्यूज हो गया किसमे  घुसाए मेरा मन मामी का गाँड़ का भी मजा लेने को कर रहा था तभी मामी बोली क्या हुआ घुसाईये पर धीरे से घुसाईयेगा,

मैं मामी के बुर को ऊँगली से सहलाया मे मन पगला सा मतवाला हाथी जैसा होने लगा और उनके बुर में घुसा के घचाघच चोदने लगा मामी ओह ह आह धीरे धीरे ना आहे आह किये जा रही थी पर मैं अब नहीं रुक रहा था उनको जोर जोर से पेले जा रहा था  मैं जब उनके दोनों चूतड़ पकड़ कर धका मरता था वो आह कर देती थी मैं बोला यही है न गधों वाली चुदाई। .......







Friday, January 31, 2020

दस कलास की लड़की की चुदाई।

मानसी उस दिन मिनी को चोदते देख ली थी दरवाजा बंद नहीं था वो परदे के पीछे से सब देख ली थी उसी दिन से मेरा मोटा लण्ड लेने के लिए तक में थी। 
                                     

मानसी टेंथ कलस में पढ़ती थी वो एकदम मस्त पतली लम्बी और गोरी थी उसका फेस सोनम कपूर जैसा था लेकिन मुझे ये नहीं पता था की वो इतनी चुदकड़ लड़की है निकलेगी। 

जब से मिनी को चोदते देखि थी तब से वो मुझे लाइन मरती थी, वो बगल वाली बिल्डिंग में अपने भैया भाभी के साथ रहती थी, एक दिन वो फ़ोन नंबर मांगी मैं उसे इसरा करके दे दिया उसने बात चित करना शुरू कर दी मुझे दर लगता था की ये मिनी से कहे न पर वो नहीं कही और सब खुल के बात करती थी हमलोग देर रत तक फ़ोन पर बात करते रहते थे सब कुछ फोन पर ही हो जाता था यानि वो फोन पे ही चुदवाती थी मैं, सब कुछ ओपनली बात करती थी.

एक दिन उसकी भाभी की ननद की इंगेजमेंट थी तो उस दिन मानसी के भैया भाभी वही गए थे अचानक मैं बात करते करते बोला की काश अगर रियाल में तुम अभी मिल जाती तो तेरी बुर मर कर फाड़ देता, वो बोली ओह माय गॉड आपका लण्ड किनता बड़ा है मैं डर गयी थी की मिनी का क्या होगा पर वो चुड़ैल पूरा झेल गयी, और हाहाहा हंसने लगी मैं बोला अच्छा ठीक हैं चलो अब घोड़ी बनो घुसाता हूँ वो बोली ठीक हैं यदि रियल में घुसना है तो आईये मेरे यहाँ कोई नहीं है मैं सच ो फिर सब बताई , मेरा मूड पहले से गरम था तुरंत चल दिया उसके बिल्डिंग में लिफ्ट लगा हुआ था वो छठी फ्लोर पर रहती थी मैं वहां पंहुचा तो खड़ी थी अपने फ्लैट के सामने , फिर हमदनो अंदर आ गए उसका फ़्लैट मस्त था वो जाकर सोफे पर बैठ गयी और मैं खड़ा देखने लगा, वो दरवाजा बंद करके फिर बैठते हुए बोली चलिए दिखाइए तो कितना बड़ा है, मैं भी देर नहीं करना चाहता था तुरंत हाथ डालकर निकला तो देखकर हंसने लगी क्युकी मेरा लण्ड मुरझा गया था,

मैं बोला चलो कपड़े उतारो मुझे लगा वो आनाकानी करेगी पर जैसे ही मैं बोला तुरंत ही कपडा उतर दी, मानसी बहुत फ्रैंक लड़की थी वो थोड़ी सी भी शर्माती नहीं थी,

                                     

मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया और उसका चूची दबाने लगा उसका चूँची छटा छोटा पर एकदम मस्त था मैं खूब दबाया और मुँह में लेकर चूसा भी फिर मैं उसके जांघों को सहलाते सहलाते उसके बुर में ऊँगली लगा दी वो कुछ नहीं बोली बस चुप चाप देख रही थी मैंने उसके उसके बुर पर किस किया और फिर उसके बुल को देखने लगा , मानसी बुर का बाल क्लीन रखी थी उसकी बुर गोल और बड़ी थी मेरा तो मन हुआ की एकदम से पेल हु दूँ पर मैं पर मैं उसको अपना लण्ड चुसवाना चाहता था क्युकी फ़ोन पर अकसर चूसा करती थी,

मैं उसका स्मार्टनेस देखकर उसके मुँह में ही पेलने का मन बना लिया, मेरे इशारा करते ही मानसी झट बैठ गई और मेरा लण्ड पकड़ कर मुँह में घुसाने लगी वो ऐसे चाट चाट कर चूस रही थी मनो उसको बहुत एक्सप्रिएंस हो लण्ड चूसने का, मैं उसके मुँह में तब एक पेलता रहा जब तक की मेरा लण्ड एकदम बम्बमा गया मनो दिवार में भी छेद कर देगा अब मैं बिलम्ब नहीं करना चाहता था,




मैं बोला चलो अब घोड़ी बनो यही कहकर बुलाई हो उसका कहा श्योर अभी बनती हु बार थोड़ा आराम से कीजियेगा और वो डॉगी स्टाइल में बन गयी मैं तो देखते ही रह गया वो पतली थी पर उसका चूतड़ बड़ी लड़कीओं जैसा बड़ा था और एकदम साफ गोरा रंग चिकना चिकना मैं झट से उसके बुर में लंड घुसना चाहा पर नहीं घुसा दोबारा धका मरते ही थोड़ा सा अंदर चला गया और वो धीरे से आह कर दी। 

मैं धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था वो मजे में चुदाने लगी मेरा लंड अब आधा तक चला जा रहा था मैं उससे बात चित भी कर रहा था मुसको बला की तुम मिनी के साथ चुदवा लोगी बोली की अगर मिनी तैयार हो जाये तो मुझे कोई टेन्शन नहीं हैं तभी मैं जोरदार धका मार दिया वो आँख बंद करके चिलायी आअह ओहोहोह मैं बोलै अब इसीसे ज्यादा दर्द नहीं होगा क्युकी पूरा घुस गया हैं वो तुरंत नार्मल हो गई मैं अपना लम्बा लंड पूरा पीछे खींच खींच कर उसके बुर में पेलने लगा वो सिसकारी भरने लगी और मैं चोदते जा रहा था बेतहासा फिर मैं जब थक गया तो बोला की अब तुम ऊपर आओ। 

मैं अब सीधा लेता हुआ था और वो मेरे ऊपर आकर खुद ही ऊपर निचे करके चुदवा रही थी उसका बुर बहुत टाइट था मेरा लण्ड दर्द करने लगा था पर मैं चुपचाप उसके बुर की चुदाई का आनंद लिये जा रहा था। 







कुछ देर कूद कूद कर लण्ड अपने बुर के अंदर लिए जा रही थी फिर मैं उसको उस तरफ घूमकर कर करने को बोला वो पलट गयी और हिलाने लगी मैं निचे से मारा ऊपर की तरफ हाचाक मानसी ऊपर की तरफ उच्छल कर चीख दी फिर वैसे ही मरवाने लगी मैं निचे से मार रहा था और वो ऊपर से मानसी इतनी चुदकड़ लड़की निकलेगी मैं सोचा भी नहीं था वो कभी सी सी करती थी तो कभी चुप हो जाती थी एक उसने आगे झुकी तो उसका मस्त गाँड़ का बिल दिखाई दिया मैं बोला मानसी थोड़ा गाँड़ भी दे दो मुझे बहुत मन कर रहा है गांड पेलने का। 

वो थोड़ी रुककर गयी फिर कुछ सोचकर बोली दर्द तो नहीं होगा ना ? मैं बोला नहीं यार मैं हूँ न, बोली ठीक हैं फिर आप मेरा गाँड़ थोड़ा मार लीजिये फिर मुझे लिटा कर चोदना मैं बोलै ठीक है , मैं उसके ऊपर आ गया और उसके गांड में लण्ड घुसाने लगा। 

मैं ज्यों उसके गाँड़ के छेद पर फिट करके ठेलता वो उँह उँह करने लगती और मैं रुक जाता था ऐसे ही देर हो गया फिर मैं थोड़ा बातों में भुलवाकर जोरदार धका मार दिया उसके गांड में आधा लण्ड जा फसा वो आह उँह उँह करने लगी और मेरा लण्ड निकाल दी, फिर बोली आप निचे आओ मैं ऊपर से आराम से कर लुंगी मैं बोलै ठीक है। और मानसी मेरे ऊपर आ गयी धीरे धिरे लण्ड  तो घुसा ली हल्का सा पर हिला नहीं प् रही थी अभी अचानक मैं निचे से ही ढाका मार दिया लण्ड दनदनाता हुआ उसके गाँड़ में सरक गया आधा से ज्यादा ही वो जोर से रो दी आह करके मैं उसको पकड़ लिया और फिर मारा निचे से वो चिलायी निकालो निकालो ओह उँह आह ही हींईईईई उनुउउउउ मैं पेलने लगा बिना कुछ सुने और उससे न सहा गया और वो खड़ी हो गयी और मेरे लण्ड तरफ देखने लगी मैं उठा और उसको लिटा दिया फिर उसके गाँड़ और बुर दोनों उस दिन मन भर चोदा। 

मानसी का बुर टाइट था और वो मस्ती से चुदवाती भी थी इसलिए मैं उसके बुर का दीवाना हो गया और जब भी मौका मिलता उसको जरूर चोदता इसी क्रम में उसकी भाभी भी जान गयी फिर ननद भाभी की चुदाई की कहानी आपको बताऊंगा। ....... 








Tuesday, January 28, 2020

बड़ी भाभी की चुदाई की कहानी सोफे पर


बिच वाली भाभी को चोदते देख बड़ी भाभी ने कैसे जबरदस्त प्लान बनायीं ताकि मेरे मोटे लंड से उनके एक बिता की बुर चुद सके?

दोस्तों जैसे की आपने पढ़ ही चूका होगा की मैं कैसे अपने बिच वाली भाभी को चोदता था, एक दिन उनके गाँड़ में बिना थूक लगाए ही मैं जोर से मार दिया था और वो चीला दी थी आह मम्मी यही आवाज बड़ी भाभी सुन ली थी और छत के सीढ़ी पे आकर देख चुकी थी।

बड़ी भाभी का नाम अंजलि है वो करीब पैंतीस साल की मस्त बॉडी फिगर वाली टंच गोरी माल हैं, वो लम्बी और मोटी हैं उनकी चूतड़ की साइज भी बहुत बड़ी हैं बिच वाली भाभी से दुगुना साइज होगी।

मैं अक्सर भरी दोपहरी धुप में उनके ही कमरे में सोया करता था भैया काम से इधर उधर ही रहा करते थे उनका एक बच्चा था था पांच साल का वो भी कभी कभी बिच वाली भाभी  उनके कमरे म था, एक दिन मैं उनके कमरे में गया सोने के लिए क्युकी उनकी कमरे का कूलर आवाज नहीं करता था मैं बड़े आराम से सोता था, उस जैसे ही मैं अंदर गया देखा भाभी नाइटी पहन कर सोयी थी, वो करवट सोई थी और उनके चूतड़ तक नाइटी ऊपर चला गया था उनका, मैं सन्न रह गया, इनका तो गाँड़ बड़े बड़े चूतड़ों के बिच में कूलर का हवा खा रहा हैं इससे पहले मैं कभी बड़ी भाभी को छोड़ने का नहीं सोचा था पर उस दिन मेरा मन कुछ कुछ हुआ की मैं इनके बड़े चूतड़ वाली गाँड़ का भी स्वाद लूँ।

मैं थोड़ी देर उनका गोरा गोरा चूतड़ और जांघ का पिछले हिस्सा निहारता रहा फिर बगल में जाकर लेट गया, पांच मिनट बिता होगा भाभी ने सीधा होते हुए अपना एक टांग मेरे ऊपर फेक दी, मैं अपना सर धिरे से उठाकर देखा उनका दोनों जांघ साफ दिखा बिच वाली भाभी से इनका जांघ थोड़ा मोटा था हल्का हल्का इनके बुर के बाल भी दिख रहे थे पर ये क्या? मैं जैसे ही उनके चहरे के तरफ नजर घुमाया वो आधी आंख बंद किये मुस्कुरा रही थीं, मैं झट से उनका पैर अपने ऊपर से हटा दिया और लेट गया।

भाभी मेरे तरफ घूमते हुए बोली क्यों रेखा जैसी मस्त नहीं हूँ? मेरी तो फट गयी मैं सोचा ये कैसे जानती हैं, फिर मैं भाभी बोलकर चुप हो गया, मैं जैसे ही कुछ बोलता या वहां से उठाकर जाता वो बोल पड़ी मैं सब जानती हूँ ,  बोल प् रहा था, वो मेरा हाफ पैंट हटाकर मेरा लंड देखि और हँसने लगी वोह इसलिए रेखा आह  आह करती है आपका तो लंड आपके भइया से भी बड़ा है और मोटा तो उनसे दुगुना ही होगा मैं चुप चाप शरमाते सुन रहा था डर भी लग रहा था की पता नहीं क्या होने वाला हैं तभी वो बोली की रुकिए  इसको बड़ा करके देखती हु जरा और हाथ से धीरे धीरे मसलने लगी।

मेरा लण्ड कुछ देर में तन कर फुफकारने लगा उस दिन लगा की रोज ही ज्यादा बड़ा हो गया था और टाइट भी, भाभी मुस्कुरा रही थीं और बोल रही थी सच में मुझे तो पा भी नहीं था की इतना बड़ा लंड आपका है और आप चोदने में भी माहिर हैं ये तो आपने भइया डेढ़ गुना बड़ा लण्ड है, आप घबराये मत मैं भी आपकी भाभी हु एक बार मुझे भी अपने मोटे लण्ड का मजा खिलाईये यदि आप मेरे से चीख निकलवा देंगे तो मैं आपको बहुत बड़ी इनाम दूंगी जो अपने कभी सोचा भी नहीं होगा और जब चाहेंगे तब मैं अपने सामान का मजा भी देती रहूंगी , मैं कुछ नहीं बोल रहा पर मन ही मन सोच रहा था की कास इनको भी चोदने को मिलता तो बड़ा मजा आता।

भाभी बोली भइया बोल दूँ क्या ये सब और हँसने लगी भाभी थोड़ा गुसैल थी मैं सोचा कहीं ऐसा हो न जाये मेरे मुँह से निकल गया गया ठीक है करवा लीजिये, वो बोली ओके ओके मैं मजाक कर रही थी मैं किसी  से नहीं बोलूंगी  डियर हाहाहाहा करके हंसने लगी और सीधी लेट अपना पूरा नाइटी ऊपर कर इसारा करी अपने चूँची पर, उनका चूँची अभी मस्त था और निपल बड़े बड़े गुलबी काले टाइप के थे, मैं उनका चूँची दबाने लगा वो अपना हाथ ऊपर कक्रके मेरा सर पकड़ लिया और निचे करते हुए अपने चूचियों पर सटा दिया मैं उनका चुची पिने लगा बिच वाली भाभी से बड़ा होने कारन मुझे ज्यादा मजा आ रहा था मैं खुद दबा दबा कर उनका दोनों चुची चूसा वो मेरा टीशर्ट निकलने लगी तो मैं खुद ही सबकुछ निकल दिया |

फिर भाभी ने खुद ही उठकर सोफे पर चली गई और मुझे वही आने का इशारा करके मुस्कुरा दी, मैं वह से उठा और पलंग से निचे उतरा मेरी नजर जैसे ही सोफे पर पड़ी मैं दंग रह गया, भाभी सोफे पर डॉगी स्टाइल में घोड़ी बनी पड़ी थी उनका दोनों चूतड़ के बिच में उनका बुर एकदम साफ दिख रहा था, मैं उनका मस्त गाँड़ और बुर देखकर पागल हो गया और अपना लंड हाथ से सहलाते हुए उनके बुर के छेद पर लेजाकर फिट कर दिया, मैं जैसे ही धके लकाना शुरू करता उससे पहले भाभी ही पीछे की तरफ अपना चूतड़ धकेली मेरा लण्ड आधा घुस गया वो धीरे धीरे हिलाने लगी उनका चूतड़ कभी आगे कभी पीछे होने लगा मैं चुप चाप अपना बॉडी टाइट किये एक पैर सोफे पर और एक पैर निचे ही रखे देख रहा था, कुछ ऐसे ही चुदवाने के बाद भाभी बोली अब आप धका मार मार चोदिये। 

मैं उनका दोनों चूतड़ पकड़ कर चोदने लगा लगातार आगे पीछे लण्ड उनके बुर में अंदर बहार हो रहा था वो मस्ती में चुद्वाए जा रही थी मेरे साथ साथ भाभी भी अपना चूतड़ आगे पीछे कर रही थी मुझे बहुत मजा आने लगा था रेखा भाभी ऐसे करके नहीं चुदवाती थीं तभी मेरे मन में आया शर्माने से काम नहीं चलेगा मैं भी कुलके चोदू और अंजली भाभी का मजा लूँ,

मैं उनको कसकर पकड़ लिया और खूब जोर लगाके धका मार दिया भाभी आह करके आगे सोफे पर गिर गई मेरा लण्ड निकल गया वो सी सी करके साँस लेने लगी, फिर उसी पोजीसन में आ गयी मैं दोबारा तेज झटके से उनके बुर में लण्ड घूसेड़ दिया वो फिर आगे बढ़ गयी पर इस बार लण्ड बाहर नहीं निकला और मैं तुरंत ही जोरदार धका मारा उनके मुँह से आह निकल गया और वो बैठ गयी थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड के तरफ देखि और सर पकड़ ली, मेरा लण्ड एकदम बमबमाये हुए मस्त खड़ा था, वो बोली ये पहले से भी बड़ा हो गया और लण्ड को पकड़ ली काश इतना तगड़ा लण्ड गोलू के पापा का भी होता हे भगवान कितना मोटा हो गया है अब मैं भी हमेशा चुदवाउंगी इसीलिए न रेखा चुदवाती हैं कितना ामजा आता होगा उसको, फिर वो उसी पोजीसन में चुदवायी और फिर मुझे सोफे पर बैठा दिया और खुद ही ऊपर से आकर अपना बुर में मेला लण्ड घुसकर अपना चूतड़ ऊपर निचे करने लगी मैंने अपने लाइफ में ऐसे नहीं माल मारा था ये मेरे साथ पहली बार हो रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था,

उसके बाद भाभी खुद ही सोफे पर लेट गयी और मुझे ऊपर से चोदने को बोली मैं उनका फैला हुआ पैर के बिच में हलकी सी फैली हुयी बुर देखकर पागल हो गया तुरंत ही उनके बुर के मुँह पर लण्ड लगाके हच से धका मर दिया मेरा लंड घप से उनके बुर में समा गया वो धीरे से कराह दी उह सियाहाआअह धीरे धीरे चोदिये पर मैं अब कुछ नहीं सुन रहा था और घपाघप चोदने लगा सट सट आह उँह हियई सीईई च च च की आवाज होने लगी अब वो कुछ नहीं बोल रही थी और मैं घच घच मार रहा था उनके बुर में थोड़ी देर बाद उनका गिफ्ट वाली बाद याद आया और मैं मुस्कुरा दिया वो मुझे आश्चर्य से देख रही थी वो भी मुस्कुरानी चाही पर आह कर दी मैं रुक गया वो तेज तेज साँस लेने लगी फिर बोली क्यों हंस रहे हैं मैं बोला मैं जित गया आपका चीख निकल दिया है। भाभी बोली हाँ ये तो हैं मैं जरूर आपको मजे दिलवाऊंगी फिर पता नहीं क्या छोचने लगी तभी झट बोली गाँड़ मारने आता है मैं मुस्कुराया और ना बोल दिया, फिर वो बोली तो अब गाँड़ में घुसाइये मैं सुनते ही झट से उसी पोज में उनके गाँड़ के मुँह पर रखकर पूरा लण्ड घुसेड़ दिया भाभी बस आह करके रो दी मैं रुक गया फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैं पेलना शुरू कर दिया अंजलि भाभी का गाँड़ रेखा भाभी
के गाँड़ से होंडा टीला था अब आराम से पूरा लंड उनके गांड में घुसकर उनको मजा दे रहा था और मैं भी पकस पकस उनके गाँड़ में पेल रहा था फिर मैं झड़ गया और भाभी बिना झड़ी ही रह गयी पर बोली कोई बात नहीं मेरा बुर बहुत दुख रही है दूसरे दिन अब।

इसी तरह सात आठ बार खूब चोदा कोई न कोई भाभी का बुर डेली मिल जाता था और एक दिन सच में वो बारी आ गयी इनाम की जो मैं कभी नहीं ऐसा आनंद लिया था ये आगे बताऊंगा। ...


Monday, January 27, 2020

भाभी की चुदाई। सगी भाभी की चुदाई की सच्ची कहानी हिंदी में


आखिर क्यों भाभी चाहकर भी आह उँह नहीं कर रही थी और मैं अपने तगड़े लंड उनके बुर में घुसेड़कर घाचा घच चोदे जा रहा था ?

भाभी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ।  मैं 26 साल का हूँ नाम सोनू और लम्बाई पांच फिट नौ इंच है। हमलोग तीन भाई हैं मैं सबसे छोटा हूँ बिच वाले भैया की हाल ही में शादी हुई है और वो छे सात दिन बाद ही दिल्ली चले गए वो वहीँ जॉब करते हैं मेरी नई वाली भाभी का नाम रेखा हैं और बड़ी वाली भाभी का नाम अंजलि है।  मेरा गांव यूपी में है मैं गांव पे रहता हूँ।

रेखा भाभी लम्बी और मीडियम साइज शरीर वाली गोरी और बड़ी बड़ी आँखों वाली करीब पचीस साल की मस्त माल हैं , वो साडी और शूट दोनों पहनती हैं।  वो जब भी मेरे पास से गुजरती अजीब सा महक हमेशा आते रहता, एक दिन मुझे खाना खिला रही थीं तो मैं बोला भाभी जी आपके बॉडी से कितना अच्छा खुशबु आती है क्या लगाती हैं ? वो हँसते हुए बोली आपके परफ्यूम से अच्छा है क्या सोनू जी ? मैं बोला हाँ भाभी वो फिर एक बार मुस्कुरा दि उनका चेहरा एकदम मस्त चमक रहा था और वो पिंक कलर की लिपस्टिक लगायी थीं मेरे मन में आया काश ऐसी ही मुझे भी बीबी मिल जाती।

एक दिन बड़े भैया भाभी घर पे नहीं थे वो लोग छोटू को लेकर हॉस्पिटल गए थे। दोपहर का टाइम था मैं सोचा चलो भाभी के साथ लूडो खेलते हैं, मैं उनके कमरे में जैसे ही इंटर किया मैं दंग रह गया। .. ये क्या भाभी ऐसी भी करती हैं क्या? मैं सोचा भी नहीं था।

रेखा भाभी उस तरफ मुँह करके आँख बंद की हुयी थी और अपना पेटीकोट ऊपर करके लाल पैंटी के अंदर अपना हाथ डालकर धिरे धिरे हिला रहीं थीं , मैं चुप चाप परदे के पास ही रुक गया था और देख रहा था, उनकी जांघ की गोराई तो मुँह से भी अधिक थी एकदम आंटे की तरह मेरा लंड सुगबुगा गया मैं झट से वापस गया पाँव दवाये।

गर्मी के दिन था मैं छत पर अकेले ही सोता था कभी कभी रेखा भाभी भी छत पर आती थीं और कुछ रात गए निचे चली जाती थीं वो जब तक ऊपर रहती थीं मैं उस दिन से यही सोचने लगा की काश मैं भी ऐसी मस्त भाभी को चोदता , हम दोनों में रोज मजाक होते रहता था पर जिस दिन से उनको अपना बुर चुत सहलाते देखा मेरे मन में हमेशा चोदने का मन बना रहता था.

एक दिन की बात है मैं पेशाब करने के लिए जगा तो देखा की भाभी छत पर ही सो गयी हैं . अँजोरिया वाला रात था उनका गोरा शरीर चाँद के प्रकाश में दिख रहा था उनका पेट पर से साडी हैट गया था ब्लाउज साफ दिख रहा था उनकी चूँची धीरे धीरे साँस के साथ ऊपर निचे कर रही थीं मेरा लंड खड़ा होने लगा , मैं बिना कुछ सोचे ही अनायास उनके पेट पर हाथ रखकर सो गया , मेरा दिल धड़ धड़ करने लगा उनके आधे चेहरे बाल से ढके थे , मैं सोचा भाभी गहरी नींद में हैं थोड़ा सा चूँची दबा लूँ मिस लूँ। मैं धीरे धीरे उनके दोनों चूचिंयों की दबाने लगा उनका चूँची मस्त मस्त था भैया को तो चार पांच दिन ही दबाने को मिला होगा मैं थोड़ा जोर दे दबाकर देखा चूची बिलकुल टाइट थी मैं अपने तरफ वाली चूँची थोड़ा और जोर से मिस दिया भाभी कुछ नहीं बोली मेरा मन बढ़ गया.

मैं थोड़ा निचे खिसक कर उनका साड़ी ऊपर हटाने लगा तभी सामने सीढ़ी के दरवाजे पर नजर पड़ी वो खुली थी, मैं सोचा हो हो यदि बड़ी भाभी या भैया गयी तो देख लेंगे मैं धीरे उठा और बंद करने चल दिया , मैं जैसे ही दरवाजा बंद करने लगा वो लोहे का था और आवाज करने लगा मैं डर गया कभी भाभी जग जाये नहीं तो मजा ख़राब हो जायेगा मुझे वो सब करने में बहुत मजा रहा था , पर क्या करूँ यदि दरवाजा बंद करूँ तो भी दिक्कत और करूँ तो भी दिक्कत मैं तोड़ी देर खड़े होकर चोचता रहा और डिसाइड किया की बड़ी भाभी आएँगी तब लेकिन ये जाग गयी तो प्रॉब्लम हो जायेगा इसलिए बिना दरवाजा बंद किये ही वापस आ गया, भाभी वैसे ही साँस ले रही थीं और उनकी चूचियां ऊपर निचे उठती रहती थीं।

मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउज़ का बटन खोलने लगा फिर याद आया की इसको लगाऊंगा कैसे लगाने में जग जाएँगी तो? चलो ऐसे ही मजा लेते हैं बस दो बटन खुल चूका था और उनका ब्रा दिखने लगा था,


मैं कभी उसमे हाथ लगता कभी ऊपर से ही धीरे धीरे चूचियाँ दबाये जा रहा था, मेरा लंड अब लोहे की रड की रहत तन चूका था अचानक मैं महसूस किया की उनकी साँस तेज होती जा रही हैं और थोड़ी देर में भाभी तेज तेज साँस लेने लगी, मुझे शक हो गया की वो जग गयीं हैं मैं थोड़ी देर रुक गया।  फिर सोचा ये कुछ नहीं बोल रहीं हैं मतलब ये भी यही चाह रहीं हैं, मेरा सहस और बढ़ गया मैं धीरे धीरे उनका साड़ी ऊपर करने लगा पर वो उनके पैरों और चूतड़ से दबी हुई थी मैं थोड़ा जोर लगाया वो साड़ी नहीं सरक पायी मैं रुककर सोचने लगा क्या करूँ और दोबारा प्रयास किया, मुझे लगा इस बार रेखा भाभी ने अपना चूतड़ थोड़ा ऊपर की तरफ कर रही हैं मैं जान गया की ये जाग रहीं हैं मैं एकदम बौखला गया चोदने के लिए अब डर ख़तम हो चूका था।

मैं धीरे धीरे साडी ऊपर किया तो देखा की उसी दिन वाली लाल कलर वाली पैंटी पहनी हुयी हैं, मैं भी उसमे हाथ लगा दिया अचानक मुझे चिकना सा महसूस हुआ मैं मैं जान गया भाभी गर्म हो गयी हैं, इनका बुर पनिया गया है , मैं अपना लंड कछे से निकाला मेरा लंड करीब पौने छे इंच लंबा और ढाई इंच मोटा हैं मैं अब तक तीन लड़की की चुदाई कर चूका हूँ जिसमें से एक का बुर और एक का गांड फट गयी थी एक तो खूब चुदाई थी उसका बुर नहीं फटी थी।

इस बार अपने खुद की भाभी को चोदने का मौका मिला था और वो भी मुश्किल से चौबीस पचीस दिन आये हुए होगा, मैं अब देर नहीं करना चाह रहा था, मैं उनके दोनों जांघों की अपने दोनों पैरों के बिच में करते हुए ऊपर चढ़कर बैठ गया और धीरे से झुककर उनका पैंटी को बगल में सरका कर अपना लण्ड उनके गीली बुर में घुसाने लगा , मेरा लण्ड थोड़ा थोड़ा अंदर जा जाकर रुक जाता था उसका मुँह ही जा पता था थोड़ा सा बस, पूरा सोपाड़ा नहीं जा रहा था, कभी कभी निचे छटककर बिछावन पर टक्कर मर देता था. कुछ देर बाद भाभी का जांघ मेरे दोनों पैरों को दबाता बहसुस किया मैं थोड़ा अपना पैर जैसे ही फैलाया उनका भी जांघ खुदबखुद फैल गया।

मैं उनका पैंटी हटाया और अपना लंड बुर के मुँह में ठूस कर धीरे से धका मार दिया मेरे लंड का सूपडा भाभी के बुर में चला गया भाभी कुछ नहीं बोली वो वैसे ही पड़ी थी मैं थोड़ा लंड पीछे करके दोबारा जोर से धाका मारा, लण्ड आधा चला गया उनका जांघ आपस में सटते हुए महूस किया मुझे लगा इनका बुर चुत दर्द कर रहा है शायद , मैं धीरे धिरे चोदने लगा कुछ देर बाद उनका जांघ अपने आप ढीला होता गया और मेरा लंड धीरे धीरे पूरा का पूरा घुसता गया .

अब मैं लंड अंदर बाहर करते हुए खूब चोद रहा था भाभी वैसे ही पड़ी थी. करीब बिस मिनट बाद मुझे लगा उनका पूरा शरीर अकड़ रहा है और उनका बुर पहले से ज्यादा गिला हो गया और गच गच की आवाज आने लगी मैं थोड़ा धीरे चोदने लगा ताकि आवाज जोर से न हो तभी उनका हाथ हिलते देख मैं झट उनके ऊपर से हट गया, भाभी उस तरफ करवट बदल सो गयी मैं थोड़ा रुका फिर धीरे धीरे उनका चूतड़ उधर दबाने लगा तो आसानी से दब गया, अब उनका दोनों चूतड़ ऊपर की तरफ साफ साफ चाँद की रोशनी में गोरी गोरी दिख रही थी, मै फिर उनके ऊपर चढ़ गया।

मै उनके दोनों चूतड़ के बिच से ही अपना लंड उनके बुर में निचे करके घुसा रहा था पर घुस ही नहीं रहा था मैं सोच रहा था की इस बार घुस जाये तो थोड़ा चोदकर गिरा लूँ , मैं थोड़ा थूक लगाया और छटकाकर के उनके बुर में घुसेड़ दिया वो अपना दोनों चुत्तड़ चिपका लीं, मैं खूब चोद रहा था गच गच , कच कच की आवाज आने लगी पर इस बार मेरा लंड बार बार बाहर छटककर निचे चला जाता था और मैं फिर लगा लगा चोद रहा था , एक बार मेरा लंड उनके गाँड़ में घुसने को हो गया वो थोड़ा हिल गयीं और मेरा लंड चटककर उनके दोनों चूतड़ के बिच ऊपर चला आया पर मुझे बहुत मजा आया कितना टाइट लगा था।

अब मैं सोचा इनका गाँड़ ही क्यों न मार लूँ पता नहीं ऐसा मौका फिर मिले या न मिले, मैं झट बिना देर किये लंड उनके गाँड़ दोनों में थूक लगाया, भाभी थोड़ा हिली शायद वो सीधा होना चाहती थी पर मैं वैसे ही बैठा रहा वो शांत हो गयी, मैं अपना लंड चाँद की रौशनी में उनके गाँड़ में घुसाने लगा।

मैं जब धका मरता वो अपना चूतड़ चिपका लेती फिर भी दबाते दबाते अंदर घुसेड़ ही दिया और धीरे- धीरे  पेलने लगा, मेरा लंड भाभी के गाँड़ में एकदम कसा घुसा ऊपर निचे हो रहा था, कुछ देर उनका गाँड़ मारने के बाद मैं झड़ गया फिर चुप चाप उनके ऊपर से नीचे उतरा और उनका साङी निचे करके ढँक दिया और मैं सो गया, कब नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला और मैं सो गया सुबह नींद खुली तो देखा भाभी निचे जा चुकी हैं , मैं निचे जाने में शर्मा रहा था पर हिम्मत करके गया, कुछ नहीं हुआ रोज की तरह सब ठीक था, ऐसे ही हरदम भाभी सोने का नाटक करती और मैं
 उनको चोदते रहता था, एक दिन मैं बिना थूक लगाए उनके गाँड़ में जोर से लन्ड पेल दिया उनके मुँह से आह मम्मी निकल गया उसी रोज से वो खुलकर चुदवाने लगी, लेकिन बड़ी वाली भाभी उस दिन बाथरूम आईं थीं उनका आवाज सुनकर छत पर आयीं और हमदोनों को उसी अवस्था में देखकर निचे चली गयीं थी जो हम लोगों को कुछ नहीं मालिम था, मेरी बड़ी भाभी लम्बी मोटी बोल्ड पर्स्नालिटी की हैं ये करीब 35 साल की होंगी, ये भी मेरे से कैसे और क्यों चुदवायी अगले दिन बताऊंगा।