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Friday, January 31, 2020

दस कलास की लड़की की चुदाई।

मानसी उस दिन मिनी को चोदते देख ली थी दरवाजा बंद नहीं था वो परदे के पीछे से सब देख ली थी उसी दिन से मेरा मोटा लण्ड लेने के लिए तक में थी। 
                                     

मानसी टेंथ कलस में पढ़ती थी वो एकदम मस्त पतली लम्बी और गोरी थी उसका फेस सोनम कपूर जैसा था लेकिन मुझे ये नहीं पता था की वो इतनी चुदकड़ लड़की है निकलेगी। 

जब से मिनी को चोदते देखि थी तब से वो मुझे लाइन मरती थी, वो बगल वाली बिल्डिंग में अपने भैया भाभी के साथ रहती थी, एक दिन वो फ़ोन नंबर मांगी मैं उसे इसरा करके दे दिया उसने बात चित करना शुरू कर दी मुझे दर लगता था की ये मिनी से कहे न पर वो नहीं कही और सब खुल के बात करती थी हमलोग देर रत तक फ़ोन पर बात करते रहते थे सब कुछ फोन पर ही हो जाता था यानि वो फोन पे ही चुदवाती थी मैं, सब कुछ ओपनली बात करती थी.

एक दिन उसकी भाभी की ननद की इंगेजमेंट थी तो उस दिन मानसी के भैया भाभी वही गए थे अचानक मैं बात करते करते बोला की काश अगर रियाल में तुम अभी मिल जाती तो तेरी बुर मर कर फाड़ देता, वो बोली ओह माय गॉड आपका लण्ड किनता बड़ा है मैं डर गयी थी की मिनी का क्या होगा पर वो चुड़ैल पूरा झेल गयी, और हाहाहा हंसने लगी मैं बोला अच्छा ठीक हैं चलो अब घोड़ी बनो घुसाता हूँ वो बोली ठीक हैं यदि रियल में घुसना है तो आईये मेरे यहाँ कोई नहीं है मैं सच ो फिर सब बताई , मेरा मूड पहले से गरम था तुरंत चल दिया उसके बिल्डिंग में लिफ्ट लगा हुआ था वो छठी फ्लोर पर रहती थी मैं वहां पंहुचा तो खड़ी थी अपने फ्लैट के सामने , फिर हमदनो अंदर आ गए उसका फ़्लैट मस्त था वो जाकर सोफे पर बैठ गयी और मैं खड़ा देखने लगा, वो दरवाजा बंद करके फिर बैठते हुए बोली चलिए दिखाइए तो कितना बड़ा है, मैं भी देर नहीं करना चाहता था तुरंत हाथ डालकर निकला तो देखकर हंसने लगी क्युकी मेरा लण्ड मुरझा गया था,

मैं बोला चलो कपड़े उतारो मुझे लगा वो आनाकानी करेगी पर जैसे ही मैं बोला तुरंत ही कपडा उतर दी, मानसी बहुत फ्रैंक लड़की थी वो थोड़ी सी भी शर्माती नहीं थी,

                                     

मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया और उसका चूची दबाने लगा उसका चूँची छटा छोटा पर एकदम मस्त था मैं खूब दबाया और मुँह में लेकर चूसा भी फिर मैं उसके जांघों को सहलाते सहलाते उसके बुर में ऊँगली लगा दी वो कुछ नहीं बोली बस चुप चाप देख रही थी मैंने उसके उसके बुर पर किस किया और फिर उसके बुल को देखने लगा , मानसी बुर का बाल क्लीन रखी थी उसकी बुर गोल और बड़ी थी मेरा तो मन हुआ की एकदम से पेल हु दूँ पर मैं पर मैं उसको अपना लण्ड चुसवाना चाहता था क्युकी फ़ोन पर अकसर चूसा करती थी,

मैं उसका स्मार्टनेस देखकर उसके मुँह में ही पेलने का मन बना लिया, मेरे इशारा करते ही मानसी झट बैठ गई और मेरा लण्ड पकड़ कर मुँह में घुसाने लगी वो ऐसे चाट चाट कर चूस रही थी मनो उसको बहुत एक्सप्रिएंस हो लण्ड चूसने का, मैं उसके मुँह में तब एक पेलता रहा जब तक की मेरा लण्ड एकदम बम्बमा गया मनो दिवार में भी छेद कर देगा अब मैं बिलम्ब नहीं करना चाहता था,




मैं बोला चलो अब घोड़ी बनो यही कहकर बुलाई हो उसका कहा श्योर अभी बनती हु बार थोड़ा आराम से कीजियेगा और वो डॉगी स्टाइल में बन गयी मैं तो देखते ही रह गया वो पतली थी पर उसका चूतड़ बड़ी लड़कीओं जैसा बड़ा था और एकदम साफ गोरा रंग चिकना चिकना मैं झट से उसके बुर में लंड घुसना चाहा पर नहीं घुसा दोबारा धका मरते ही थोड़ा सा अंदर चला गया और वो धीरे से आह कर दी। 

मैं धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था वो मजे में चुदाने लगी मेरा लंड अब आधा तक चला जा रहा था मैं उससे बात चित भी कर रहा था मुसको बला की तुम मिनी के साथ चुदवा लोगी बोली की अगर मिनी तैयार हो जाये तो मुझे कोई टेन्शन नहीं हैं तभी मैं जोरदार धका मार दिया वो आँख बंद करके चिलायी आअह ओहोहोह मैं बोलै अब इसीसे ज्यादा दर्द नहीं होगा क्युकी पूरा घुस गया हैं वो तुरंत नार्मल हो गई मैं अपना लम्बा लंड पूरा पीछे खींच खींच कर उसके बुर में पेलने लगा वो सिसकारी भरने लगी और मैं चोदते जा रहा था बेतहासा फिर मैं जब थक गया तो बोला की अब तुम ऊपर आओ। 

मैं अब सीधा लेता हुआ था और वो मेरे ऊपर आकर खुद ही ऊपर निचे करके चुदवा रही थी उसका बुर बहुत टाइट था मेरा लण्ड दर्द करने लगा था पर मैं चुपचाप उसके बुर की चुदाई का आनंद लिये जा रहा था। 







कुछ देर कूद कूद कर लण्ड अपने बुर के अंदर लिए जा रही थी फिर मैं उसको उस तरफ घूमकर कर करने को बोला वो पलट गयी और हिलाने लगी मैं निचे से मारा ऊपर की तरफ हाचाक मानसी ऊपर की तरफ उच्छल कर चीख दी फिर वैसे ही मरवाने लगी मैं निचे से मार रहा था और वो ऊपर से मानसी इतनी चुदकड़ लड़की निकलेगी मैं सोचा भी नहीं था वो कभी सी सी करती थी तो कभी चुप हो जाती थी एक उसने आगे झुकी तो उसका मस्त गाँड़ का बिल दिखाई दिया मैं बोला मानसी थोड़ा गाँड़ भी दे दो मुझे बहुत मन कर रहा है गांड पेलने का। 

वो थोड़ी रुककर गयी फिर कुछ सोचकर बोली दर्द तो नहीं होगा ना ? मैं बोला नहीं यार मैं हूँ न, बोली ठीक हैं फिर आप मेरा गाँड़ थोड़ा मार लीजिये फिर मुझे लिटा कर चोदना मैं बोलै ठीक है , मैं उसके ऊपर आ गया और उसके गांड में लण्ड घुसाने लगा। 

मैं ज्यों उसके गाँड़ के छेद पर फिट करके ठेलता वो उँह उँह करने लगती और मैं रुक जाता था ऐसे ही देर हो गया फिर मैं थोड़ा बातों में भुलवाकर जोरदार धका मार दिया उसके गांड में आधा लण्ड जा फसा वो आह उँह उँह करने लगी और मेरा लण्ड निकाल दी, फिर बोली आप निचे आओ मैं ऊपर से आराम से कर लुंगी मैं बोलै ठीक है। और मानसी मेरे ऊपर आ गयी धीरे धिरे लण्ड  तो घुसा ली हल्का सा पर हिला नहीं प् रही थी अभी अचानक मैं निचे से ही ढाका मार दिया लण्ड दनदनाता हुआ उसके गाँड़ में सरक गया आधा से ज्यादा ही वो जोर से रो दी आह करके मैं उसको पकड़ लिया और फिर मारा निचे से वो चिलायी निकालो निकालो ओह उँह आह ही हींईईईई उनुउउउउ मैं पेलने लगा बिना कुछ सुने और उससे न सहा गया और वो खड़ी हो गयी और मेरे लण्ड तरफ देखने लगी मैं उठा और उसको लिटा दिया फिर उसके गाँड़ और बुर दोनों उस दिन मन भर चोदा। 

मानसी का बुर टाइट था और वो मस्ती से चुदवाती भी थी इसलिए मैं उसके बुर का दीवाना हो गया और जब भी मौका मिलता उसको जरूर चोदता इसी क्रम में उसकी भाभी भी जान गयी फिर ननद भाभी की चुदाई की कहानी आपको बताऊंगा। ....... 








Monday, January 27, 2020

भाभी की चुदाई। सगी भाभी की चुदाई की सच्ची कहानी हिंदी में


आखिर क्यों भाभी चाहकर भी आह उँह नहीं कर रही थी और मैं अपने तगड़े लंड उनके बुर में घुसेड़कर घाचा घच चोदे जा रहा था ?

भाभी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ।  मैं 26 साल का हूँ नाम सोनू और लम्बाई पांच फिट नौ इंच है। हमलोग तीन भाई हैं मैं सबसे छोटा हूँ बिच वाले भैया की हाल ही में शादी हुई है और वो छे सात दिन बाद ही दिल्ली चले गए वो वहीँ जॉब करते हैं मेरी नई वाली भाभी का नाम रेखा हैं और बड़ी वाली भाभी का नाम अंजलि है।  मेरा गांव यूपी में है मैं गांव पे रहता हूँ।

रेखा भाभी लम्बी और मीडियम साइज शरीर वाली गोरी और बड़ी बड़ी आँखों वाली करीब पचीस साल की मस्त माल हैं , वो साडी और शूट दोनों पहनती हैं।  वो जब भी मेरे पास से गुजरती अजीब सा महक हमेशा आते रहता, एक दिन मुझे खाना खिला रही थीं तो मैं बोला भाभी जी आपके बॉडी से कितना अच्छा खुशबु आती है क्या लगाती हैं ? वो हँसते हुए बोली आपके परफ्यूम से अच्छा है क्या सोनू जी ? मैं बोला हाँ भाभी वो फिर एक बार मुस्कुरा दि उनका चेहरा एकदम मस्त चमक रहा था और वो पिंक कलर की लिपस्टिक लगायी थीं मेरे मन में आया काश ऐसी ही मुझे भी बीबी मिल जाती।

एक दिन बड़े भैया भाभी घर पे नहीं थे वो लोग छोटू को लेकर हॉस्पिटल गए थे। दोपहर का टाइम था मैं सोचा चलो भाभी के साथ लूडो खेलते हैं, मैं उनके कमरे में जैसे ही इंटर किया मैं दंग रह गया। .. ये क्या भाभी ऐसी भी करती हैं क्या? मैं सोचा भी नहीं था।

रेखा भाभी उस तरफ मुँह करके आँख बंद की हुयी थी और अपना पेटीकोट ऊपर करके लाल पैंटी के अंदर अपना हाथ डालकर धिरे धिरे हिला रहीं थीं , मैं चुप चाप परदे के पास ही रुक गया था और देख रहा था, उनकी जांघ की गोराई तो मुँह से भी अधिक थी एकदम आंटे की तरह मेरा लंड सुगबुगा गया मैं झट से वापस गया पाँव दवाये।

गर्मी के दिन था मैं छत पर अकेले ही सोता था कभी कभी रेखा भाभी भी छत पर आती थीं और कुछ रात गए निचे चली जाती थीं वो जब तक ऊपर रहती थीं मैं उस दिन से यही सोचने लगा की काश मैं भी ऐसी मस्त भाभी को चोदता , हम दोनों में रोज मजाक होते रहता था पर जिस दिन से उनको अपना बुर चुत सहलाते देखा मेरे मन में हमेशा चोदने का मन बना रहता था.

एक दिन की बात है मैं पेशाब करने के लिए जगा तो देखा की भाभी छत पर ही सो गयी हैं . अँजोरिया वाला रात था उनका गोरा शरीर चाँद के प्रकाश में दिख रहा था उनका पेट पर से साडी हैट गया था ब्लाउज साफ दिख रहा था उनकी चूँची धीरे धीरे साँस के साथ ऊपर निचे कर रही थीं मेरा लंड खड़ा होने लगा , मैं बिना कुछ सोचे ही अनायास उनके पेट पर हाथ रखकर सो गया , मेरा दिल धड़ धड़ करने लगा उनके आधे चेहरे बाल से ढके थे , मैं सोचा भाभी गहरी नींद में हैं थोड़ा सा चूँची दबा लूँ मिस लूँ। मैं धीरे धीरे उनके दोनों चूचिंयों की दबाने लगा उनका चूँची मस्त मस्त था भैया को तो चार पांच दिन ही दबाने को मिला होगा मैं थोड़ा जोर दे दबाकर देखा चूची बिलकुल टाइट थी मैं अपने तरफ वाली चूँची थोड़ा और जोर से मिस दिया भाभी कुछ नहीं बोली मेरा मन बढ़ गया.

मैं थोड़ा निचे खिसक कर उनका साड़ी ऊपर हटाने लगा तभी सामने सीढ़ी के दरवाजे पर नजर पड़ी वो खुली थी, मैं सोचा हो हो यदि बड़ी भाभी या भैया गयी तो देख लेंगे मैं धीरे उठा और बंद करने चल दिया , मैं जैसे ही दरवाजा बंद करने लगा वो लोहे का था और आवाज करने लगा मैं डर गया कभी भाभी जग जाये नहीं तो मजा ख़राब हो जायेगा मुझे वो सब करने में बहुत मजा रहा था , पर क्या करूँ यदि दरवाजा बंद करूँ तो भी दिक्कत और करूँ तो भी दिक्कत मैं तोड़ी देर खड़े होकर चोचता रहा और डिसाइड किया की बड़ी भाभी आएँगी तब लेकिन ये जाग गयी तो प्रॉब्लम हो जायेगा इसलिए बिना दरवाजा बंद किये ही वापस आ गया, भाभी वैसे ही साँस ले रही थीं और उनकी चूचियां ऊपर निचे उठती रहती थीं।

मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउज़ का बटन खोलने लगा फिर याद आया की इसको लगाऊंगा कैसे लगाने में जग जाएँगी तो? चलो ऐसे ही मजा लेते हैं बस दो बटन खुल चूका था और उनका ब्रा दिखने लगा था,


मैं कभी उसमे हाथ लगता कभी ऊपर से ही धीरे धीरे चूचियाँ दबाये जा रहा था, मेरा लंड अब लोहे की रड की रहत तन चूका था अचानक मैं महसूस किया की उनकी साँस तेज होती जा रही हैं और थोड़ी देर में भाभी तेज तेज साँस लेने लगी, मुझे शक हो गया की वो जग गयीं हैं मैं थोड़ी देर रुक गया।  फिर सोचा ये कुछ नहीं बोल रहीं हैं मतलब ये भी यही चाह रहीं हैं, मेरा सहस और बढ़ गया मैं धीरे धीरे उनका साड़ी ऊपर करने लगा पर वो उनके पैरों और चूतड़ से दबी हुई थी मैं थोड़ा जोर लगाया वो साड़ी नहीं सरक पायी मैं रुककर सोचने लगा क्या करूँ और दोबारा प्रयास किया, मुझे लगा इस बार रेखा भाभी ने अपना चूतड़ थोड़ा ऊपर की तरफ कर रही हैं मैं जान गया की ये जाग रहीं हैं मैं एकदम बौखला गया चोदने के लिए अब डर ख़तम हो चूका था।

मैं धीरे धीरे साडी ऊपर किया तो देखा की उसी दिन वाली लाल कलर वाली पैंटी पहनी हुयी हैं, मैं भी उसमे हाथ लगा दिया अचानक मुझे चिकना सा महसूस हुआ मैं मैं जान गया भाभी गर्म हो गयी हैं, इनका बुर पनिया गया है , मैं अपना लंड कछे से निकाला मेरा लंड करीब पौने छे इंच लंबा और ढाई इंच मोटा हैं मैं अब तक तीन लड़की की चुदाई कर चूका हूँ जिसमें से एक का बुर और एक का गांड फट गयी थी एक तो खूब चुदाई थी उसका बुर नहीं फटी थी।

इस बार अपने खुद की भाभी को चोदने का मौका मिला था और वो भी मुश्किल से चौबीस पचीस दिन आये हुए होगा, मैं अब देर नहीं करना चाह रहा था, मैं उनके दोनों जांघों की अपने दोनों पैरों के बिच में करते हुए ऊपर चढ़कर बैठ गया और धीरे से झुककर उनका पैंटी को बगल में सरका कर अपना लण्ड उनके गीली बुर में घुसाने लगा , मेरा लण्ड थोड़ा थोड़ा अंदर जा जाकर रुक जाता था उसका मुँह ही जा पता था थोड़ा सा बस, पूरा सोपाड़ा नहीं जा रहा था, कभी कभी निचे छटककर बिछावन पर टक्कर मर देता था. कुछ देर बाद भाभी का जांघ मेरे दोनों पैरों को दबाता बहसुस किया मैं थोड़ा अपना पैर जैसे ही फैलाया उनका भी जांघ खुदबखुद फैल गया।

मैं उनका पैंटी हटाया और अपना लंड बुर के मुँह में ठूस कर धीरे से धका मार दिया मेरे लंड का सूपडा भाभी के बुर में चला गया भाभी कुछ नहीं बोली वो वैसे ही पड़ी थी मैं थोड़ा लंड पीछे करके दोबारा जोर से धाका मारा, लण्ड आधा चला गया उनका जांघ आपस में सटते हुए महूस किया मुझे लगा इनका बुर चुत दर्द कर रहा है शायद , मैं धीरे धिरे चोदने लगा कुछ देर बाद उनका जांघ अपने आप ढीला होता गया और मेरा लंड धीरे धीरे पूरा का पूरा घुसता गया .

अब मैं लंड अंदर बाहर करते हुए खूब चोद रहा था भाभी वैसे ही पड़ी थी. करीब बिस मिनट बाद मुझे लगा उनका पूरा शरीर अकड़ रहा है और उनका बुर पहले से ज्यादा गिला हो गया और गच गच की आवाज आने लगी मैं थोड़ा धीरे चोदने लगा ताकि आवाज जोर से न हो तभी उनका हाथ हिलते देख मैं झट उनके ऊपर से हट गया, भाभी उस तरफ करवट बदल सो गयी मैं थोड़ा रुका फिर धीरे धीरे उनका चूतड़ उधर दबाने लगा तो आसानी से दब गया, अब उनका दोनों चूतड़ ऊपर की तरफ साफ साफ चाँद की रोशनी में गोरी गोरी दिख रही थी, मै फिर उनके ऊपर चढ़ गया।

मै उनके दोनों चूतड़ के बिच से ही अपना लंड उनके बुर में निचे करके घुसा रहा था पर घुस ही नहीं रहा था मैं सोच रहा था की इस बार घुस जाये तो थोड़ा चोदकर गिरा लूँ , मैं थोड़ा थूक लगाया और छटकाकर के उनके बुर में घुसेड़ दिया वो अपना दोनों चुत्तड़ चिपका लीं, मैं खूब चोद रहा था गच गच , कच कच की आवाज आने लगी पर इस बार मेरा लंड बार बार बाहर छटककर निचे चला जाता था और मैं फिर लगा लगा चोद रहा था , एक बार मेरा लंड उनके गाँड़ में घुसने को हो गया वो थोड़ा हिल गयीं और मेरा लंड चटककर उनके दोनों चूतड़ के बिच ऊपर चला आया पर मुझे बहुत मजा आया कितना टाइट लगा था।

अब मैं सोचा इनका गाँड़ ही क्यों न मार लूँ पता नहीं ऐसा मौका फिर मिले या न मिले, मैं झट बिना देर किये लंड उनके गाँड़ दोनों में थूक लगाया, भाभी थोड़ा हिली शायद वो सीधा होना चाहती थी पर मैं वैसे ही बैठा रहा वो शांत हो गयी, मैं अपना लंड चाँद की रौशनी में उनके गाँड़ में घुसाने लगा।

मैं जब धका मरता वो अपना चूतड़ चिपका लेती फिर भी दबाते दबाते अंदर घुसेड़ ही दिया और धीरे- धीरे  पेलने लगा, मेरा लंड भाभी के गाँड़ में एकदम कसा घुसा ऊपर निचे हो रहा था, कुछ देर उनका गाँड़ मारने के बाद मैं झड़ गया फिर चुप चाप उनके ऊपर से नीचे उतरा और उनका साङी निचे करके ढँक दिया और मैं सो गया, कब नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला और मैं सो गया सुबह नींद खुली तो देखा भाभी निचे जा चुकी हैं , मैं निचे जाने में शर्मा रहा था पर हिम्मत करके गया, कुछ नहीं हुआ रोज की तरह सब ठीक था, ऐसे ही हरदम भाभी सोने का नाटक करती और मैं
 उनको चोदते रहता था, एक दिन मैं बिना थूक लगाए उनके गाँड़ में जोर से लन्ड पेल दिया उनके मुँह से आह मम्मी निकल गया उसी रोज से वो खुलकर चुदवाने लगी, लेकिन बड़ी वाली भाभी उस दिन बाथरूम आईं थीं उनका आवाज सुनकर छत पर आयीं और हमदोनों को उसी अवस्था में देखकर निचे चली गयीं थी जो हम लोगों को कुछ नहीं मालिम था, मेरी बड़ी भाभी लम्बी मोटी बोल्ड पर्स्नालिटी की हैं ये करीब 35 साल की होंगी, ये भी मेरे से कैसे और क्यों चुदवायी अगले दिन बताऊंगा।